पटना, 10 सितंबर (Udaipur Kiran) ।बिहार में अगले माह विधानसभा का चुनाव होना है। ऐसे में निर्वाचन आयोग ने राज्य के सभी जिलों के मतदान केंद्रों का निर्धारण कर दिया है, जो एक बड़ी चुनावी प्रक्रिया का अहम हिस्सा है।पटना जिला, जहां सबसे अधिक 14 विधानसभा क्षेत्र हैं, वहां 5,665 मतदान केंद्र बनाए गए हैं।
निर्वाचन विभाग द्वारा साझा की गई जानकारी के अनुसार, आगामी चुनाव में कुल 243 विधानसभा क्षेत्रों के लिए 90,712 मतदान केंद्र निर्धारित किए गए हैं। यह संख्या पिछले विधानसभा चुनाव की तुलना में 12,817 अधिक है। इस वृद्धि का मुख्य कारण यह है कि अब एक मतदान केंद्र पर अधिकतम 1200 मतदाता ही रखे जाएंगे, जबकि पहले यह सीमा 1500 थी। यह बदलाव मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के बाद किया गया, जिससे बूथों पर भीड़ कम रहे और मतदान अधिक सुरक्षित और व्यवस्थित तरीके से हो।
पटना जिला, जहां सबसे अधिक 14 विधानसभा क्षेत्र हैं, वहां 5,665 मतदान केंद्र बनाए गए हैं, जो कि राज्य में सर्वाधिक हैं। उसके बाद मुजफ्फरपुर में 4186, पूर्वी चंपारण में 4095, मधुबनी में 3882, गया में 3866, समस्तीपुर में 3623 और दरभंगा में 3329 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। वहीं, शिवहर जिला, जहां केवल एक विधानसभा क्षेत्र है, वहां सबसे कम 368 मतदान केंद्र होंगे। इसके अलावा शेखपुरा (582), अरवल (651), लखीसराय (904), जहानाबाद (1009) जैसे जिलों में भी मतदान केंद्रों की संख्या कम है।
इस बार चुनाव आयोग ने एक बड़ा कदम उठाते हुए निर्णय लिया है कि राज्य के सभी 90,712 मतदान केंद्रों पर लाइव वेबकास्टिंग की जाएगी।
इसके लिए आईपी आधारित कैमरे लगाए जाएंगे, जो इंटरनेट के माध्यम से सीधे जिला निर्वाचन कार्यालय और मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय से जुड़े रहेंगे। यह प्रणाली मतदान प्रक्रिया की रीयल-टाइम निगरानी को संभव बनाएगी और चुनाव में किसी भी प्रकार की धांधली, गड़बड़ी या गड़बड़ी की शिकायत पर त्वरित कार्रवाई की जा सकेगी।
पटना सहित 8 जिले ऐसे हैं जिनमें 10 या उससे अधिक विधानसभा क्षेत्र हैं। वहीं, 17 जिले ऐसे हैं जिनमें 5 से 10 के बीच विधानसभा क्षेत्र आते हैं और 13 जिले ऐसे हैं जहां 5 से कम विधानसभा क्षेत्र हैं। इस वर्गीकरण के आधार पर संसाधनों का बंटवारा और चुनावी कर्मचारियों की तैनाती की जा रही है, ताकि हर बूथ पर पर्याप्त सुविधा और सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में पहली बार ऐसा होगा कि सभी मतदान केंद्रों पर तकनीक आधारित निगरानी रहेगी। इसके अलावा, दिव्यांग मतदाताओं और बुजुर्गों के लिए विशेष सुविधा, महिला मतदाताओं के लिए पिंक बूथ, और सुलभ रैंप व पेयजल व्यवस्था जैसी सहूलियतें भी सुनिश्चित की जा रही हैं। निर्वाचन आयोग का उद्देश्य है कि हर मतदाता तक पहुंचा जाए, और उन्हें बिना किसी बाधा के मतदान का अवसर दिया जाए। बढ़े हुए मतदान केंद्रों, सख्त निगरानी व्यवस्था, और व्यापक तैयारियों के साथ, यह स्पष्ट है कि बिहार विधानसभा चुनाव 2025 एक तकनीकी रूप से उन्नत, पारदर्शी और समावेशी चुनाव होने वाला है। अब इंतजार है तो सिर्फ मतदान की तारीखों के औपचारिक ऐलान का, जिसके बाद बिहार के लोग एक बार फिर लोकतंत्र के इस उत्सव में अपनी भूमिका निभाने के लिए तैयार होंगे।
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(Udaipur Kiran) / गोविंद चौधरी
