
रांची, 17 सितंबर (Udaipur Kiran) । संथाल परगना प्रमंडल संसाधन युक्त क्षेत्र है। बावजूद इसके इन्फ्रास्ट्रक्चर, औद्योगिक विकास और कानून-व्यवस्था की कमी के कारण यहां की प्रगति प्रभावित हो रही है है। यह बातें सिटीजन फोरम के अध्यक्ष दीपेश निराला ने बुधवार को कही।
दीपेश निराला ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से बताया कि संथाल परगना ‘टेनेंसी एक्ट 1949’ (टेनेंसी एक्ट 1949 कोई एक केंद्रीय कानून नहीं है, बल्कि 1949 में भारत में अलग-अलग राज्यों या क्षेत्रों में कई ऐसे कानून पारित किए गए थे जो भूमि और पट्टेदारी (किरायेदारी) से संबंधित थे) के तहत भूमि प्रबंधन होने के बावजूद यहां लगातार भूमि विवाद के मामले बढ़ रहे हैं।
उन्होंने बताया कि एक आंकड़े के अनुसार 64 हजार से अधिक मामले लंबित हैं, जबकि भूमि प्रशासन मूल्यांकन ढांचा (लैंड गवर्नेंस असेसमेंट फ्रेमवर्क), झारखंड की रिपोर्ट में कहा गया है कि संथाल परगना टेनेंसी एक्ट और संबंधित भूमि विवादों के कई सीलिंग केस विभिन्न न्यायालयों में लंबित हैं।
निराला ने कहा कि देवघर में प्लास्टिक पार्क और देविपुर इंडस्ट्रियल एरिया जैसी घोषणाएं सालों से अधूरी हैं, इससे एंटरप्रेन्योर्स (उद्यमी) हतोत्साहित हैं। उन्होंने कहा कि बिजली आपूर्ति, रोड कनेक्टिविटी (सड़क संपर्क), जलापूर्ति और मार्केट कमेटी फैसिलिटीज़ (बाजार समिति सुविधाएं) की कमी से किसानों और छोटे व्यापारियों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है।
उन्होंने स्थानीय मंडियों में स्टोरेज, कोल्ड स्टोरेज और मार्केटिंग सपोर्ट उपलब्ध कराने तथा राज्य सरकार से लंबित परियोजनाओं को जल्द से जल्द पूरी कर निवेश और रोजगार का माहौल बनाने की मांग की, जिससे कि विकास को गति मिल सके।—————
(Udaipur Kiran) / Manoj Kumar
