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तबादला मामले में उच्च शिक्षा विभाग के उप सचिव एवं अन्य कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से हुए पेश

नैनीताल हाईकोर्ट।

नैनीताल, 19 जून (Udaipur Kiran) । हाई कोर्ट ने उत्तरकाशी डिग्री कॉलेज में कार्यरत प्राध्यापक दंपति को पिथौरागढ़ डिग्री कॉलेज से संबंद्ध करने सहित उनके खिलाफ की जा रही जांच की कार्यवाही पर रोक लगाने के मामले में दायर याचिका पर सुनवाई के बाद मामले की अगली सुनवाई के लिए 7 जुलाई की ति​थि नियत की है। हाई कोर्ट के पूर्व में दिए गए आदेश के क्रम में अनुसचिव की जगह पर उच्च शिक्षा विभाग के उप सचिव, प्राचार्य, प्रो. सुरेश चंद्र ममगाई और जांच अधिकारी कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से पेश हुए।

कोर्ट ने कहा कि बिना शिकायत की जांच करके कैसे दंपति को स्थानांतरित कर दिया गया। कोर्ट ने उनसे शपथपत्र पेश करने को कहा। कोर्ट ने जांच अधिकारी से कहा कि क्यों न आपका तबादला किया जाए क्योंकि प्राध्यापक दंपति का स्थानांतरण करने से पहले की गई शिकायतों की विभागीय जांच की जानी चाहिए थी बगैर जांच के उनका स्थानांतरण कर दिया वह भी गंभीर आरोपों के साथ। कोर्ट ने कहा कि यदि आरोप सही थे तो स्थानांतरण आदेश फिर वापस क्यों लिया गया।

मुख्य न्यायाधीश जी नरेंद्र एवं न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। मामले के अनुसार उत्तरकाशी डिग्री कॉलेज के एसोसिएट प्रो. डॉ. रमेश सिंह और उनकी पत्नी ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर कहा​ था कि उच्च शिक्षा विभाग ने डॉ. भीमराव आंबेडकर जयंती के मौके पर 14 अप्रैल को कॉलेजों को खोलने और आंबेडकर जयंती मनाने के निर्देश दिए थे, लेकिन कॉलेज के प्राचार्य ने 14 अप्रैल के बजाय 12 अप्रैल को आंबेडकर जयंती मनाने का आदेश किया था जिसका उन्होंने विरोध किया। इससे नाराज होकर प्राचार्य ने दो साल पुराने झूठे यौन शोषण के आरोप में याचिकाकर्ता डॉ. रमेश सिंह को दीर्घ अवकाश में भेज दिया। जबकि यौन शोषण की न कहीं शिकायत थी और ना ही कोई एफआईआर है।

याचिकाकर्ता ने स्थानांतरण आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी जिस पर हाई कोर्ट ने आदेश जारी कर रोक लगा दी, लेकिन 16 अप्रैल को उच्च शिक्षा विभाग के अनुसचिव ने एक आदेश जारी कर डॉ. रमेश सिंह एवं इसी कॉलेज में एसोसिएट प्रोफेसर उनकी पत्नी को 300 किमी दूर पिथौरागढ़ कॉलेज में संबद्ध कर दिया।

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(Udaipur Kiran) / लता

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