
मुंबई, 26 सितंबर (Udaipur Kiran News) । जिले का सर्वांगीण विकास नवीन योजनाओं के माध्यम से किया जाएगा। साथ ही, मुंबई महानगर क्षेत्र में बढ़ती यातायात भीड़भाड़ से निपटने के लिए एमएमआरडीए एक विशेषज्ञ समिति नियुक्त करेगा। इस समिति के माध्यम से यातायात की भीड़भाड़ पर एक अध्ययन किया जाएगा और इस गंभीर समस्या का स्थायी समाधान निकाला जाएगा, ऐसा उपमुख्यमंत्री एवं ठाणे जिले के पालकमंत्री एकनाथ शिंदे ने आज यहाँ कहा।
ठाणे जिला योजना समिति की बैठक आज ठाणे जिला कलेक्टर कार्यालय के योजना भवन में उपमुख्यमंत्री, शहरी विकास, आवास और लोक निर्माण (यूडीएच) और ठाणे जिले के संरक्षक मंत्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में आयोजित की गई, जिसके दौरान वे बोल रहे थे।इस अवसर पर सांसद श्रीकांत शिंदे, नरेश म्हास्के, सुरेश म्हात्रे, परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक, विधायक किसन कथोरे, संजय केलकर, डॉ. बालाजी किनिकर, कुमार आयलानी, शांताराम मोरे, नरेंद्र मेहता, महेश चौघुले, विश्वनाथ भोईर, रईस शेख, राजेश मोरे, विधान परिषद सदस्य ज्ञानेश्वर म्हात्रे, उपमुख्यमंत्री कार्यालय के प्रधान सचिव और ठाणे जिले के पालक सचिव नवीन सोना, जिला कलेक्टर डॉ. श्रीकृष्ण पांचाल, ठाणे शहर पुलिस आयुक्त आशुतोष डुंबारे, नवी मुंबई पुलिस आयुक्त मिलिंद भारम्बे, तथा जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रोहन घुगे, उपस्थित थे।
आज उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बताया कि वर्ष 2024-25 में 1167.37 करोड़ की 99.98% निधि खर्च की गई, जबकि वर्ष 2025-26 (अगस्त के अंत) में कुल 1252.99 करोड़ की 23% निधि खर्च की जा चुकी है। जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को स्मार्ट स्वास्थ्य केंद्रों में परिवर्तित किया जाएगा। जिला परिषद और स्थानीय निकायों के स्कूलों को स्मार्ट स्कूलों में परिवर्तित किया जाएगा, जिसके लिए उन्होंने सीएसआर और जनभागीदारी के माध्यम से धन उपलब्ध कराने की भी अपील की।यातायात की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए ड्रोन और एआई आधारित यातायात प्रबंधन प्रणाली लागू की जाएगी। सरकारी कार्यालयों का सौर ऊर्जा (रूफ टॉप सोलर) के माध्यम से सौरीकरण किया जाएगा। ठाणे में 39 पर्यटन स्थलों की विकास योजना और एक्सप्लोर ठाणे – पर्यटन ऐप पर भी चर्चा की गई। पुनर्विनियोजन केवल दिसंबर तक और परिव्यय के 10% तक ही संभव है। खरीद के लिए निधि का अधिकतम 10% उपयोग करने की पाबंदी है। पालकमंत्री शिंदे ने उपस्थित सभी एजेंसियों को इस वर्ष की जिला वार्षिक योजना का 100% व्यय सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। परिव्यय का 3.5% आरक्षित है और एक योजना के लिए अधिकतम 3 करोड़ रुपये की सीमा है।
साथ ही, तत्काल, मध्यम और दीर्घकालिक उपायों को लागू किया जाना चाहिए, शिंदे ने उपस्थित लोगों को यह भी निर्देश दिया।साथ ही, इस बैठक में मुंबई महानगर क्षेत्र में बढ़ती जल किल्लत को दूर करने के उपायों पर भी चर्चा हुई। चिखली बांध की ऊँचाई बढ़ाने का भी निर्णय लिया गया है, साथ ही उल्हासनगर के लिए उल्हास नदी से पानी का एक प्राथमिक स्रोत बनाने और इसके लिए यांत्रिक रूप से पानी उठाने और इसके लिए शहरी उत्थान योजना से धन उपलब्ध कराने का भी निर्णय लिया गया है। कालू बांध पर भी चर्चा हुई। साथ ही, जिला कलेक्टर को तुरंत पहल करने और पुनर्वास के मुद्दे को बढ़ावा देने के लिए सूचित किया गया।
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(Udaipur Kiran) / रवीन्द्र शर्मा
