
देहरादून 19 सितंबर (Udaipur Kiran News) । मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने आउटकम इंडिकेटर्स निर्धारित करने के निर्देश देते हुए कहा कि विभागों ने अपने कार्य क्षेत्र में विगत वर्षों के सापेक्ष कितना बढ़ोतरी की है, इसे आउटकम इंडिकेटर्स में शामिल किया जाए। इससे विभागीय योजनाओं का मूल्यांकन भी हो सकेगा और विभाग किस दिशा में जा रहा है, इसकी भी जानकारी मिलेगी।
मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने शुक्रवार को सचिवालय में आयोजित बैठक के दौरान विभागों को यह निर्देश दिए। इस दौरान मुख्य सचिव ने कहा कि ‘की आउटकम इंडिकेटर’ (केओआई) निर्धारित करने में इन बातों का ध्यान रखा जाए कि विभान की संचालित योजनाओं का क्या आउटकम रहा, इसका आंकलन हो सके। उन्होंने कहा कि सिंचाई विभाग अपना आउटकम इंडिकेटर यह रखे की प्रदेश की कितने प्रतिशत खेती योग्य भूमि को वर्षा आधारित सिंचाई को निश्चित सिंचाई में परिवर्तित किया है। उन्होंने कहा कि पर्यटन विभाग की ओर से संचालित किसी योजना से पर्यटकों के औसत फुटफॉल में कितना बढ़ोतरी हुई है, या पर्यटकों की संख्या, पर्वतारोहियों और ट्रैकिंग करने वालों की संख्या आदि गतिविधियों में कितने प्रतिशत ग्रोथ प्राप्त की।
मुख्य सचिव ने कहा कि कृषि विभाग के तहत् उत्पादकता कितनी बढ़ी है या एफपीओ का क्रेडिट फ्लो कितना बढ़ा है, इस पर ध्यान देने की जरूरत है।उन्होंने कहा कि परिवहन विभाग की ओर से गुणवत्ता में सुधार, क्षमता का उपयोग और आय में बढ़ोतरी को शामिल किया जा सकता है। बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने सचिव सैनिक कल्याण को विभाग के दी जाने वाली प्री रिक्रूटमेंट ट्रेनिंग को बढ़ाये जाने के निर्देश दिए हैं। इस अवसर पर सचिव नितेश कुमार झा, डॉ. बीवीआरसी पुरुषोत्तम, श्रीधर बाबू अद्दांकी, धीरज सिंह गर्ब्याल, डॉ. रणवीर सिंह चौहान, एपीसीसीएफ कपिल लाल, डीजी होमगार्ड डॉ. पीवीके प्रसाद सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
(Udaipur Kiran) / राजेश कुमार
