शिमला, 27 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । पिछले दो साल से अपनी मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे दृष्टिहीन जन संगठन ने सोमवार को फिर से सचिवालय के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। संगठन के सदस्यों ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगों को अब भी नहीं माना गया तो वे मजबूर होकर नग्न प्रदर्शन करेंगे, जिसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार और प्रशासन की होगी।
दृष्टिहीन जन संगठन के सदस्य शिमला के कालीबाड़ी मंदिर परिसर में पिछले 704 दिनों से लगातार धरने पर बैठे हुए हैं, जो हिमाचल के इतिहास का सबसे लंबा धरना माना जा रहा है। संगठन के सचिव राजेश ठाकुर ने बताया कि उनकी मुख्य मांग है कि सरकार विभिन्न विभागों में दृष्टिहीनों के लिए आरक्षित बैकलॉग पदों को एकमुश्त भरे। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर सरकार से कई दौर की वार्ताएं हो चुकी हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस नतीजा नहीं निकला है।
राजेश ठाकुर ने कहा कि जब भी वे चक्का जाम या धरना करते हैं तो प्रशासन उन्हें बातचीत के लिए बुला लेता है, लेकिन बाद में कोई कार्रवाई नहीं होती। उन्होंने कहा कि लंबे समय से दृष्टिबाधित अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ रहे हैं, पर सरकार ने न तो बजट में उनका ध्यान रखा और न ही उन्हें रोजगार दिया गया। राज्य के विभिन्न विभागों में दृष्टिबाधितों के कोटे के कई पद लंबे समय से खाली हैं, लेकिन भर्तियां नहीं की जा रही हैं।
गौरतलब है कि दृष्टिबाधित जन संगठन वर्ष 2023 से शिमला में धरना दे रहा है। उनका कहना है कि 1995 के बाद से उनके कोटे के पद नियमित रूप से नहीं भरे गए हैं, जबकि इस बारे में सुप्रीम कोर्ट के आदेश भी मौजूद हैं। इसके बावजूद सरकार इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठा रही। संगठन का कहना है कि अगर जल्द समाधान नहीं हुआ तो वे आंदोलन को और तेज करेंगे।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
