
शिमला, 1 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) जिला कमेटी शिमला ने उपायुक्त कार्यालय शिमला के सामने बुधवार को सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी के विरोध में जोरदार प्रदर्शन किया। पार्टी जिला सचिव विजेंद्र मेहरा, जगमोहन ठाकुर, बालक राम और अनिल ठाकुर ने प्रदर्शन को संबोधित करते हुए गिरफ्तारी की कड़ी निंदा की।
इस दौरान माकपा नेताओं ने कहा कि सोनम वांगचुक लद्दाख को राज्य का दर्जा देने और इसे संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर लंबे समय से आंदोलन में अग्रणी रहे हैं। उनकी गिरफ्तारी को भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के तानाशाही रवैये और लद्दाख के लोगों की वास्तविक आकांक्षाओं की अनदेखी के रूप में देखा जा रहा है।
प्रदर्शन में नेताओं ने कहा कि लद्दाख के लोगों से किए गए वादों को पूरा करने के बजाय, केंद्र सरकार ने वहां के लोकतांत्रिक आंदोलन को दबाने के लिए दमनकारी उपाय अपनाए हैं। यह लद्दाख के लोगों के मौलिक अधिकारों और लोकतांत्रिक स्वतंत्रता पर गंभीर हमला है और इससे क्षेत्र में अलगाव की भावना और बढ़ेगी।
प्रदर्शनकारियों ने सोनम वांगचुक की तत्काल रिहाई की मांग की और लोगों पर लगे सभी मामलों को बिना शर्त वापस लेने, लोकतांत्रिक एवं संवैधानिक अधिकारों की पूर्ण सुरक्षा सुनिश्चित करने और आंदोलन की जायज़ मांगों को तुरंत स्वीकार करने की अपील की। उन्होंने केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन द्वारा लद्दाख के लोगों पर किए गए दमन की कड़ी निंदा की। इस दमन की कार्रवाई के कारण चार लोगों की मौत हुई और कई घायल हुए हैं।
माकपा नेताओं ने कहा कि पिछले छह वर्षों से लद्दाख के लोग पूर्ण सशक्त विधायिका वाले राज्य का दर्जा और क्षेत्र को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग कर रहे हैं। इससे उन्हें कई पूर्वोत्तर राज्यों के लोगों को मिलने वाले संवैधानिक सुरक्षा और लाभ प्राप्त होंगे। भाजपा सरकार द्वारा इन मांगों को लगातार नजरअंदाज किया गया है।
प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि पिछले तीन वर्षों में केंद्र सरकार की उदासीनता और कई दौर की बातचीत में समाधान न निकलने के कारण लेह एपेक्स बॉडी (एलएबी) और अन्य संगठनों ने 15 दिनों तक शांतिपूर्ण भूख हड़ताल की। इसके बावजूद सरकार ने आंदोलनकारियों को गिरफ्तार किया, जिससे व्यापक विरोध और अशांति फैल गई।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
