
जम्मू, 25 जुलाई (Udaipur Kiran) । 6 अगस्त को खत्म होने जा रहे उपराज्यपाल के कार्यकाल के साथ पद को समाप्त कर ड्यूल पावर सिस्टम पर पूर्ण विराम, सेवानिवृत्त सेना व पुलिस अधिकारी की राज्यपाल पद पर नियुक्ति व धारा 371 के तहत विशेषाधिकार के साथ राज्य दर्जा बहाली हो यह कहना है शिवसेना(यूबीटी) जम्मू-कश्मीर ईकाई प्रमुख मनीश साहनी का।
पार्टी प्रदेश मध्यवर्ती कार्यालय में आयोजित आज एक पत्रकार वार्ता में प्रदेश प्रमुख मनीश साहनी ने कहा कि अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से धारा 370 के निरस्तीकरण के साथ केन्द्र शासित प्रदेश बनाने का प्रयोग पूरी तरह से असफल साबित हुआ हैं। इस दौर को भूपुत्रो के अधिकारों का हनन व स्थानीय सांस्कृति पहचान को मिटाने की साजिशों का तौर पर देखा जाएगा । वहीं आंतकवाद , टारगेट किलिंग, नशा तस्करी, अपराध , महिला तस्करी जैसी नापाक व अवैध गतिविधियों बदस्तूर जारी है।
देश का मुकुट कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर में आंतकवाद के साथ नशे के करोबार भी चर्म पर है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी ) के आंकड़ों के अनुसार 2018 से 2022 के बीच जम्मू-कश्मीर में 1.12 लाख किलोग्राम से ज्यादा नशीली दवाएं जब्त की गईं हैं। वहीं पुलिस विभाग के केन्द्रीय गृहमंत्रालय के अधीन होने व उपराज्यपाल के अधिकार क्षेत्र में बढ़ौतरी के बाद जवाबदेही का दौर लगभग समाप्त हो चुका है। कश्मीरी पंडित केपुनर्वास का सपना भी अधूरा है।
निर्वाचित सरकार के गठन के 11 महीने बीतने के बावजूद जम्मू-कश्मीर से राज्यसभा की चार सीटें खाली पड़ी है। वहीं बड़गाम , नगरोटा की विधानसभा सीटों पर उपचुनावों की घोषणा नहीं की जा रही। साहनी ने केंद्र की मोदी सरकार से राजनेता को नहीं बल्कि सेवानिवृत्त किसी वरिष्ठ सेना व पुलिस अधिकारी (आंतकवाद से लडने का अनुभव वाले) की राज्यपाल पद पर नियुक्ति व धारा 371 के तहत विशेषाधिकार के साथ राज्य दर्जा बहाली की मांग की है।
(Udaipur Kiran) / रमेश गुप्ता
