Haryana

हरियाणा के किसानों की मांग, बाढ़ में आई रेत का मिले मालिकाना हक

भारतीय किसान यूनियन के नेता मुख्यमंत्री नायब सैनी के साथ बैठक करते हुए

-बीकेयू नेताओं ने मुख्यमंत्री के साथ की बैठक

-बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 50 हजार रुपये प्रति एकड़

मुआवजे की मांग

चंडीगढ़, 11 सितंबर (Udaipur Kiran News) । हरियाणा के किसानों ने भी अब पंजाब की तर्ज पर जिसका खेत, उसकी रेत योजना लागू

करने की मांग की है। भारतीय कियान यूनियन के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी के नेतृत्व

में किसानों का एक शिष्टमंडल हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी से मिला। बुधवार की

रात सीएम आवास पर हुई बैठक में हरियाणा के किसानों ने बाढ़ के कारण खेतों में आए

रेत के मालिकाना हक किसानों को देने की मांग की। बीकेयू प्रवक्ता राकेश बैंस ने

गुरुवार को इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि हरियाणा के 5200 गांव बाढ़ की

चपेट में आ चुके हैं। किसान नेताओं ने राज्य में धान की खरीद 15 सितंबर से शुरू

किए जाने की मांग करते हुए सीएम से कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लिए मुआवजा

राशि पचास हजार की जाए। बाढ़ के कारण किसानों को जो ट्यूबबेल खराब

हुए हैं, उनका मुआवजा दिया जाए।

किसानों ने बरसाती

नालों, नदियों की सफाई करवाने तथा तटीय बांधों

की मरम्मत करवाए जाने की मांग करते हुए कहा कि चीका हल्का में हांसी

बुटाना नहर के कारण घग्गर नदी बाढ़ का

कारण बनती है। उस पर ध्यान दिया जाए। यूरिया

खाद वितरण पोर्टल पर होने से किसानों को खाद लेने में

भारी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। इसे तुरंत प्रभाव से बंद किया जाए। कपास की

पूरी खरीद सरकार के माध्यम से करवाए जाने की मांग करते हुए बीकेयू नेताओं ने कहा

कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना किसानों बीमा का मुआवजा देने का

कानून लाया जाए। किसानों ने गन्ने की एमएसपी पांच सौ रुपये प्रति क्विंटल

किए जाने की मांग करते हुए कहा कि बिजली के जो बड़े टावर किसानों के खेतों से निकलते हैं वह एक राज्य से दूसरी स्टेट में जा रहे हैं। उसका मुआवजा किसानों को दिया जाना चाहिए।

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(Udaipur Kiran) शर्मा

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