HimachalPradesh

भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच रद्द करने की मांग, हिमाचल विधानसभा में गूंजा मसला

हिमाचल विधानसभा

शिमला, 20 अगस्त (Udaipur Kiran) । एशिया कप क्रिकेट-2025 अगले महीने सितंबर माह में संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में आयोजित होने जा रहा है। इस दौरान 14 सितंबर को भारत और पाकिस्तान की टीमें आमने-सामने होंगी। लेकिन इस मैच से पहले ही इसका विरोध शुरू हो गया है और इसकी गूंज बुधवार को हिमाचल प्रदेश विधानसभा में भी सुनाई दी। शून्यकाल के दौरान कांग्रेस विधायक मलेन्द्र राजन ने भारत-पाक मुकाबले पर कड़ा विरोध जताया और मैच रद्द करने की जोरदार मांग उठाई।

विधायक मलेन्द्र राजन ने सदन में कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मुकाबले की सहमति बीसीसीआई ने दी है, लेकिन यह फैसला देशवासियों की भावनाओं को आहत करने वाला है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के साथ क्रिकेट खेलना उन शहीदों के बलिदान का अपमान है जिन्होंने देश की रक्षा में प्राण न्यौछावर किए। पाकिस्तान के साथ क्रिकेट मैच देशवासियों के बलिदान का अपमान है और देशभावना के विपरीत हैै। देश के लिए जिन शहीदों ने बलिदान दिया उनके बलिदान का अपमान है।

मलेंद्र राजन ने विधानसभा में जोर देकर कहा कि राज्य सरकार की ओर से केंद्र सरकार और बीसीसीआई को प्रस्ताव भेजा जाए, जिसमें इस मुकाबले की कड़ी निंदा करते हुए इसे रद्द करने की मांग की जाए। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के साथ क्रिकेट मैच करना न सिर्फ शहीदों का अपमान है बल्कि देशवासियों की भावनाओं के विपरीत भी है।

विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि इस मामले को राज्य सरकार को भेजा जाएगा।

उल्लेखनीय है कि अप्रैल माह में पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत-पाक संबंधों में और अधिक तनाव पैदा हुआ था। इस हमले के जवाब में भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया था। इसके बावजूद बीसीसीआई की ओर से भारत-पाक क्रिकेट मैच की अनुमति दिए जाने पर देशभर में विरोध हो रहा है।

इसी दौरान शून्यकाल में अन्य विधायकों ने भी अपने क्षेत्रों से जुड़े मसले सदन में उठाए।

नालागढ़ से विधायक हरदीप बावा ने कहा कि नालागढ़ विधानसभा क्षेत्र के 306 किसानों को उनकी फसल की कीमत का पूरा भुगतान कृषि विभाग ने अब तक नहीं किया है। कुल 5 करोड़ 98 लाख रुपये में से 104 किसानों को केवल 2 करोड़ 26 लाख रुपये दिए गए हैं, जबकि शेष 3 करोड़ 61 लाख रुपये अभी लंबित हैं। उन्होंने कहा कि बरसात से फसलें पहले ही खराब हो चुकी हैं और विभाग द्वारा पिछला भुगतान न करने से किसान बेहद परेशान हैं।

वहीं पांवटा साहिब के विधायक सुखराम चौधरी ने पुरुवाला-अंबोआ-नकेता सड़क की दयनीय स्थिति का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि करीब 20 किलोमीटर लंबी यह सड़क 15 पंचायतों को जोड़ती है और हजारों लोगों के आवागमन का साधन है, लेकिन सड़क की हालत बेहद खराब है और तत्काल सुधार की आवश्यकता है।

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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा

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