
नई दिल्ली, 29 जुलाई (Udaipur Kiran) । दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) ने फेज-4 के तहत तुगलकाबाद से एरोसिटी कॉरिडोर को जोड़ने वाली गोल्डन लाइन पर सुरंग निर्माण में मंगलवार को एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) ने तुगलकाबाद और तुगलकाबाद रेलवे कॉलोनी स्टेशन के बीच सुरंग निर्माण में महत्वपूर्ण टनल ब्रेकथ्रू पूरा किया।
डीएमआरसी के प्रधान कार्यकारी निदेशक अनुज दयाल ने बताया कि यह टनल लगभग 792 मीटर लंबी है और इसको 91 मीटर लंबी टनल बोरिंग मशीन की मदद से खोदा गया है।
इस अवसर पर रेलवे बोर्ड के सदस्य (इन्फ्रास्ट्रक्चर) नवीन गुलाटी और डीएमआरसी के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
अनुज दयाल के अनुसार इस सेक्शन में दो समानांतर गोल सुरंगें (अप व डाउन लाइन) बनाई जा रही हैं और इनकी औसत गहराई 18 मीटर है। इसमें अब तक 559 रिंग्स लगाए जा चुके हैं, जिनका भीतरी व्यास 5.8 मीटर है। टनल निर्माण में अर्थ प्रेशर बैलेंसिंग मेथड तकनीक का उपयोग किया गया है। टनल के लिए इस्तेमाल किए गए कंक्रीट रिंग्स मुंडका स्थित कास्टिंग यार्ड में पूरी तरह से मशीनी करण प्रणाली के माध्यम से बनाए गए थे।
इन कंक्रीट सेगमेंट्स को स्टीम क्योरिंग सिस्टम द्वारा जल्दी मज़बूती प्रदान की गई ताकि तेजी से निर्माण पूरा किया जा सके।
उन्हाेंने बताया कि टनल का निर्माण पहले से बसे क्षेत्रों के नीचे किया गया है। ऐसे में सुरक्षा के लिहाज़ से आसपास के भवनों पर अत्यंत संवेदनशील उपकरणों के जरिए ज़मीन की गतिविधियों पर लगातार निगरानी रखी गई। वहीं इस पूरे निर्माण के दौरान कहीं कोई धंसान या संरचनात्मक क्षति नहीं हुई।
दयाल ने बताया कि फेज-4 के अंतर्गत कुल 40.109 किलोमीटर भूमिगत मेट्रो लाइन बनाई जा रही है, जिसमें से 19.343 किलोमीटर हिस्सा एरोसिटी से तुगलकाबाद कॉरिडोर में है। यह परियोजना दिल्ली की मेट्रो नेटवर्क को और अधिक व्यापक और सुलभ बनाएगी।
उल्लेखनीय है कि टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) एक विशाल मशीन होती है, जो किसी भी प्रकार की मिट्टी या चट्टान के नीचे से गोल आकार में सुरंगें बनाने में सक्षम होती है। ये मशीनें खासतौर पर भीड़भाड़ वाले शहरी इलाकों में बिना सतह को नुकसान पहुंचाए भूमिगत सुरंग बनाने के लिए प्रयोग में लाई जाती हैं। डीएमआरसी ने फेज-1 से ही टीबीएम तकनीक का इस्तेमाल शुरू कर दिया था और फेज-3 में करीब 30 टीबीएम मशीनों की मदद से 50 किलोमीटर से ज्यादा अंडरग्राउंड सुरंगें बनाई गईं।
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(Udaipur Kiran) / कुमार अश्वनी
