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दिल्ली हाई कोर्ट ने फिल्म निर्माता करण जौहर को दी राहत, अपमानजनक पोस्ट और मीम्स हटाने का आदेश

दिल्ली हाई कोर्ट

नई दिल्ली, 19 सितंबर (Udaipur Kiran) । दिल्ली उच्च न्यायालय ने फिल्म निर्माता करण जौहर के फोटो और व्यक्तित्व से जुड़ी किसी बात का बिना अनुमति इस्तेमाल नहीं करने का आदेश दिया है। जस्टिस मनमीत प्रीतम अरोड़ा की बेंच ने कहा कि करण जौहर के बारे में वीडियो, मीम्स और सोशल मीडिया पोस्ट हटाए जाएं। कोर्ट ने 17 सितंबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था।

कोर्ट ने कहा कि करण जौहर की याचिका में जिन सोशल मीडिया अकाउंट का जिक्र किया गया है, वे अनधिकृत रुप उनके नाम का इस्तेमाल कर रहे हैं। कोर्ट ने इन सोशल मीडिया अकाउंट्स को डिलीट करने का आदेश दिया। इन सोशल मीडिया अकाउंट्स ने करण जौहर की छवि को नुकसान पहुंचाया है। कोर्ट ने एक वेबसाइट के नाम को निलंबित करने का भी आदेश दिया। वो वेबसाइट है- https:/beta.opedia.ai/।

सुनवाई के दौरान जस्टिस अरोड़ा ने करण जौहर की ओर से पेश वकील राजशेखर राव से कहा था कि आपने इतने ज्यादा यूआरएल (वेब लिंक) दिए हैं कि वो परेशान हो गयी हैं। तब राव ने कहा था कि वे कोर्ट की मदद ही कर रहे हैं। सुनवाई के दौरान मेटा की ओर से पेश वकील वरुण पाठक ने कहा था कि वे तकनीकी आपत्ति नहीं उठा रहे हैं बल्कि जितने वेब लिंक दिए गए हैं सभी करण जौहर से जुड़े हुए नहीं हैं। तब राव ने कहा था कि करण जौहर को सार्वजनिक रुप से परेशान किया जा रहा है। राव ने कुछ पोस्ट पर किए गए कमेंट को पढ़ते हुए कहा कि लोग करण जौहर की सेक्सुअलिटी के बारे में बोल रहे हैं। उन्होंने कहा कि क्या करण जौहर को ये अधिकार नहीं है कि वो इन कमेंट करने वालों से अपनी रक्षा कर सके।

इसके पहले उच्च न्यायालय अभिषेक बच्चन और ऐश्वर्या राय को उनके नाम, आवाज और तस्वीरों के साथ उनकी व्यक्तिगत चीजों के अनधिकृत रुप से इस्तेमाल करने पर रोक लगा दिया था। उच्च न्यायालय ने अभिषेक बच्चन की याचिका पर सनवाई करते हुए कहा था कि किसी भी व्यक्ति के व्यक्तित्व से संबंधित किसी भी प्रतीक का इस्तेमाल उसके निजता के अधिकार का उल्लंघन है और इससे उसकी गरिमा के साथ जीने के अधिकार भी प्रभावित होते हैं। उच्च न्यायालय ने संबंधित यूआरएल (वेब लिंक) को हटाने का निर्देश दिया था जो बिना अनुमति के अभिषेक बच्चन के व्यक्तित्व से जुड़ी किसी भी चीज का इस्तेमाल कर रहे थे। कोर्ट ने कहा था कि एआई और डीपफेक जैसी तकनीक का इस्तेमाल कर उनके नाम और छवि का गलत उपयोग कर न केवल आर्थिक रुप से नुकसान पहुंचा रहे हैं, बल्कि उनकी प्रतिष्ठा, गरिमा और सद्भावना को भी नुकसान पहुंचाया जा रहा है।

(Udaipur Kiran) /संजय

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(Udaipur Kiran) / सुनीत निगम

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