
नई दिल्ली, 21 अगस्त (Udaipur Kiran) । दिल्ली उच्च न्यायालय ने चिकित्सा संस्थानों में शिक्षक पात्रता के नोटिफिकेशन को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार और नेशनल मेडिकल काउंसिल (एनएमसी) को नोटिस जारी किया है। चीफ जस्टिस डीके उपाध्याय की अध्यक्षता वाली बेंच ने केंद्र और नेशनल मेडिकल काउंसिल को चार हफ्ते में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।
यूनाइटेड डॉक्टर्स फ्रंट ने वकील सत्यम सिंह राजपूत के जरिये दायर याचिका में शिक्षक पात्रता नोटिफिकेशन 2025 को चुनौती दी है। नेशनल मेडिकल काउंसिल ने 2 जुलाई को शिक्षक पात्रता नोटिफिकेशन 2025 जारी किया था। याचिका में कहा गया है कि इस नोटिफिकेशन के जरिये नेशनल मेडिकल काउंसिल एमबीबीएस के कई विषयों के लिए 30 फीसदी तक गैर मेडिकल शिक्षकों की नियुक्ति कर सकती है। ये विषय एनाटॉमी, फिजियोलॉजी, बायोकेमिस्ट्री, माइक्रोबायोलॉजी और फार्माकोलॉजी हैं।
याचिका में कहा गया है कि एमबीबीएस के विषयों में पढ़ाने के लिए गैर मेडिकल शिक्षकों की नियुक्ति से एमबीबीएस का शिक्षा का स्तर काफी गिर जाएगा। ऐसे में इस नोटिफिकेशन पर तत्काल रोक लगाई जाए। याचिका में कहा गया है कि नेशनल मेडिकल काउंसिल का ये नोटिफिकेशन संविधान के अनुच्छेद 14 और 21 का उल्लंघन करता है। ये नोटिफिकेशन नेशनल मेडिकल काउंसिल एक्ट का भी उल्लंघन करता है। इस नोटिफिकेशन से दक्षता आधारित मेडिकल शिक्षा में गिरावट आएगी।
याचिका में मांग की गई है कि एमबीबीएस के छात्रों को पढ़ाने के लिए केवल योग्य एमबीबीएस जैसे एमडी और एमएस डिग्रीधारक की ही नियुक्ति का दिशा-निर्देश जारी किया जाए। इससे मेडिकल शिक्षा की गुणवत्ता में तो सुधार आएगा ही, साथ ही इससे आम नागरिकों के स्वास्थ्य के अधिकारों की भी रक्षा हो सकेगी।
(Udaipur Kiran) /संजय
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(Udaipur Kiran) / अमरेश द्विवेदी
