Delhi

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री ने एलएनजेपी अस्पताल का किया निरीक्षण, बोले- सभी वेंटिलेटर चालू स्थिति में

लोकनायक जय प्रकाश नारायण अस्पताल का शुक्रवार को निरीक्षण करते दिल्ली की स्वास्थ्य मंत्री डॉ. पंकज कुमार सिंह

नई दिल्ली, 10 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. पंकज कुमार सिंह ने शुक्रवार को लोकनायक जय प्रकाश नारायण (एलएनजेपी) अस्पताल का निरीक्षण करते हुए चिकित्सा सुविधाओं और उपकरणों का आकलन किया। इस मौके पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि एलएनजेपी अस्पताल के सभी 80 वेंटिलेटर चालू हालत में हैं और 18 अतिरिक्त वेंटिलेटर आपातकालीन उपयोग के लिए आरक्षित रखे गए हैं।

मंत्री ने आपातकालीन और अन्य वार्डों का भी निरीक्षण करते डॉक्टरों, मरीजों और तीमारदारों को उनकी चिंताओं के समाधान के लिए सरकार के पूर्ण समर्थन और प्रतिबद्धता का आश्वासन दिया।

खराब वेंटिलेटरों के मुद्दे पर स्वास्थ्य मंत्री कहा ने कि एलएनजेपी अस्पताल में इतनी बड़ी संख्या में वेंटिलेटरों का खराब होना असंभव है। उन्होंने उपकरणों की संचालन स्थिति की पुष्टि के लिए पिछले महीनों की आधिकारिक रिपोर्ट प्रस्तुत की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में दिल्ली सरकार अपने सभी नागरिकों के लिए स्वास्थ्य सेवा के उच्चतम मानकों और मजबूत चिकित्सा बुनियादी ढांचे को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि केंद्रीय खरीद के तहत 222 वेंटिलेटर उपलब्ध हैं और किसी भी कमी की स्थिति में अस्पताल इस आरक्षित कोटे से अतिरिक्त इकाइयों का अनुरोध कर सकते हैं। उन्होंने कहा, निष्क्रिय वेंटिलेटरों के बारे में प्रसारित की जा रही जानकारी भ्रामक और तथ्यात्मक रूप से गलत है। नागरिकों में अनावश्यक दहशत पैदा करना उचित नहीं है।

पंकज कुमार सिंह ने बताया कि एमआरआई मशीनों की खरीद प्रक्रिया प्रगति पर है और जनवरी 2026 तक दिल्ली के सभी सरकारी अस्पताल एमआरआई और सीटी स्कैन सुविधाओं से लैस हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि ये कदम दिल्ली की सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को देश में सर्वश्रेष्ठ बनाने के सरकार के व्यापक दृष्टिकोण का हिस्सा हैं।

पकंज सिंह ने कहा, केंद्र ने कफ सिरप के मामले का संज्ञान लिया है। दिल्ली सभी केंद्रीय सलाह का पालन कर रही है और भारत सरकार के निर्देशों के अनुसार सख्ती से काम करती रहेगी। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार (आम आदमी पार्टी) के 11 साल के कुप्रबंधन के बाद सब कुछ व्यवस्थित करने में कुछ समय लगेगा। पहले मरीजों को दवाओं की कमी का सामना करना पड़ता था – यहां तक कि कई अस्पतालों में एक्सपायरी स्टॉक भी पाया गया। हमारी सरकार ने ऐसी गड़बड़ी से बचने के लिए दिल्ली के अस्पतालों में आवश्यक दवाओं की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित कीं।

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(Udaipur Kiran) / धीरेन्द्र यादव

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