
नई दिल्ली, 14 नवंबर (Udaipur Kiran) । दिल्ली सरकार के श्रम मंत्रालय ने दिल्ली दुकान एवं प्रतिष्ठान अधिनियम, 1954 की धारा 5 के अंतर्गत होने वाले पंजीकरण के नवीनीकरण की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया है। इस एक्ट में यह प्रावधान था कि पंजीकरण की तिथि से प्रत्येक 21 वर्ष बाद उसका नवीनीकरण करना अनिवार्य है।
श्रम मंत्री कपिल मिश्रा ने शुक्रवार को एक बयान में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता का आभार जताते हुए कहा कि दुकानों और प्रतिष्ठानों के पंजीकरण में 21 साल बाद होने वाले नवीनीकरण की अनिवार्यता हटने से व्यापारियों को वास्तविक राहत मिलेगी। प्रक्रियाएं सरल होने से दिल्ली का व्यापारिक वातावरण और अधिक उद्यमी-अनुकूल बनेगा। सरकार का यह निर्णय पंजीकरण प्रक्रिया को वन-टाइम रजिस्ट्रेशन मॉडल की ओर ले जाएगा जिससे व्यापारियों को नवीनीकरण की झंझट से पूरी तरह मुक्ति मिलेगी। यह कदम दिल्ली में ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ को नई गति, पारदर्शिता और मजबूती प्रदान करेगा तथा राजधानी के व्यापार एवं सेवा क्षेत्र को और अधिक सशक्त बनाएगा।
यह भी उल्लेखनीय है कि दिल्ली दुकान एवं प्रतिष्ठान अधिनियम, 1954 के अंतर्गत दिल्ली में पंजीकरण की प्रक्रिया पहले से ही पूरी तरह ऑनलाइन है। इसमें कोई दस्तावेज़ जमा नहीं करना होता, न कोई शुल्क देना होता है और आवेदक द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर तुरंत पंजीकरण प्रमाणपत्र जारी कर दिया जाता है। पंजीकरण की यह व्यवस्था वर्ष 2009 से प्रभावी है।
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(Udaipur Kiran) / धीरेन्द्र यादव