
विधानसभा में पारित करवा कर लागू करवाने सहित अन्य मांगों का मांग पत्र सौंपा
हिसार, 23 जुलाई (Udaipur Kiran) । नेताजी सुभाष जन कल्याण संगठन ने चंडीगढ़ स्थित आवास पर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से मुलाकात की। मुलाकात के दौरान संगठन ने संगठन से जुड़ी अनेक मांगों का ज्ञापन उन्हें सौंपा। जिला हिसार के सदस्य जिला अध्यक्ष अंजनी शर्मा, जिला उपाध्यक्ष विपिन मल्होत्रा, सदस्य हवा सिंह पानू, हरिओम और झज्जर, रोहतक, सिरसा, फतेहाबाद, सोनीपत जिले से स्वतंत्रता सेनानियों के उत्तराधिकारियों ने बुधवार काे मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से मुलाकात कर मांग उठाई। उन्होंने मांग की कि सुप्रीम कोर्ट से हुए स्वंतत्रता सेनानी के आश्रितों के लिए दो प्रतिशत होरिजेंटल आरक्षण को विधानसभा में पारित करके कानूनी रूप से लागू करवाने और एबीसीडी कैटेगिरी में भी कानूनी रूप से लागू किया जाए। इसके साथ ही स्वतंत्रता सेनानियों की प्रथम पीढ़ी को उत्तराखंड सरकार की तर्ज पर कुटुंब पेंशन देने की भी मांग प्रतिनिधिमंडल ने उठाई। मुख्यमंत्री ने स्वतंत्रता सेनानियों के उत्तराधिकारियों को उनकी मांगें जल्द पूरा करवाने का आश्वासन दिया।संगठन के पदाधिकारियों द्वारा सौंपे गए मांग पत्र में अन्य मांगें भी शािमल थीं जिनमें जिन स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों के जन कल्याण की योजनाएं बनाई जाएं ताकि इन परिवारों की आर्थिक हालात सुधार सके। संगठन पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों को राज्य परिवार (राष्ट्रीय परिवार) का भी दर्जा दिया जाए और उनके उत्तराधिकारियों को हरियाणा सरकार के (लोगो) वाला पहचान पत्र जारी किया जाए। स्वतंत्रता सेनानियों के उत्तराधिकारियों को प्रधानमंत्री कैशलेस योजना (आयुष्मान कार्ड) से जोड़ा जाए ताकि वे अपनी मेडिकल सुविधा ले सकें। उत्तराखंड सरकार द्वारा प्रथम पीढ़ी को प्रदेश की सरकारी बसों में नि:शुल्क यात्रा सुविधा प्रदान की गई है। इसी पकार हरियाणा रोडवेज की स्वतंत्रता सेनानी की प्रथम पीढ़ी को भी बसों में ये सुविधा प्रधान की जाये। मांग की गई कि स्वतंत्रता सेनानी के जो लडक़े विकलांग है उन्हें 75 प्रतिशत विकलांगता की शर्त पर जो पेंशन दी जा रही है उसे निरस्त किया जाए। स्वतंत्रता सेनानियों व उनकी वीरांगनाओ को हर 15 अगस्त और 26 जनवरी को जिले के होने वाले सरकारी सम्मान समारोह में आमंत्रित किया जाता है लेकिन कार्यक्रम में उन्हें कोई मान-सम्मान नहीं दिया जाता जिसे रोका जाए।
(Udaipur Kiran) / राजेश्वर
