Uttar Pradesh

‘ऑपरेशन सिंदूर’ में स्वदेशी तकनीक का निर्णायक योगदान: डॉ. जी. सतीश रेड्डी

आईआईटी बीएचयू के ‘रिसर्च एंड इनोवेशन डे’कार्यक्रम में डॉ. जी. सतीश रेड्डी

—आईआईटी बीएचयू में शिक्षक दिवस पर मना ‘रिसर्च एंड इनोवेशन डे’

वाराणसी,05 सितम्बर (Udaipur Kiran) । उत्तर प्रदेश के वाराणसी में डीआरडीओ के पूर्व अध्यक्ष एवं रक्षा मंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार डॉ. जी. सतीश रेड्डी ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर’ में सफलता का श्रेय देश में विकसित ड्रोन, एंटी-ड्रोन तकनीक, ड्रोन आधारित हथियार, निगरानी और अन्य रक्षा प्रणालियों को जाता है। यह लड़ाई स्वदेशी तकनीक और आत्मनिर्भरता के दम पर लड़ी गई और देश की सुरक्षा सुनिश्चित की गई। ऑपरेशन सिंदूर’ में आतंकवादी कैंपों, बंकरों, वायु रक्षा प्रणालियों और वायु सेना के ठिकानों पर सटीक हमले किए गए। साथ ही, एंटी-ड्रोन, एंटी-यूएवी, एंटी-हेलीकॉप्टर और एंटी-मिसाइल सिस्टम जैसी स्वदेशी विकसित प्रणालियों ने किसी भी खतरे को नाकाम किया।

वैज्ञानिक सलाहकार डॉ. जी. सतीश रेड्डी शिक्षक दिवस पर शुक्रवार को यहां आईआईटी बीएचयू के तत्वावधान में स्वतंत्रता भवन सभागार में आयोजित ‘रिसर्च एंड इनोवेशन डे’ कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को सम्बोधित कर रहे थे। डॉ. जी. सतीश रेड्डी ने बतौर मुख्य अतिथि बीएचयू आईआईटी और अन्य संस्थानों की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि तकनीकी क्षेत्र में भारत अब वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बन रहा है। आईआईटी लगातार गुणवत्ता बढ़ाकर विश्व रैंकिंग में सुधार कर रहा है, जो भारत की तकनीकी और नवाचार क्षमता को दर्शाता है। विशिष्ट अतिथि

बीएचयू के कुलपति प्रो. अजित कुमार चतुर्वेदी ने कहा कि बीते 15 वर्षों में विभिन्न नवाचार और शोध संरचनाओं में काम करने के अनुभव के आधार पर यह देखकर प्रसन्नता हुई कि आईआईटी बीएचयू द्वारा दाखिल और स्वीकृत पेटेंटों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि आईआईटी बीएचयू देश को इस क्षेत्र में नेतृत्व प्रदान करने में सक्षम संस्थान है। कुलपति ने कहा कि बीएचयू और आईआईटी बीएचयू समान परिसर में होने के कारण शोध और नवाचार में बड़ा सहयोग कर सकते हैं, और प्रो. अमित पात्रा द्वारा किए गए प्रयास सराहनीय हैं।

समारोह की अध्यक्षता करते हुए संस्थान के निदेशक प्रो. अमित पात्रा ने कहा कि शोध उत्पादन बढ़ाने के लिए शोधार्थियों और अध्यापकों की संख्या बढ़ाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि उच्च रैंकिंग के लिए नहीं, बल्कि उत्कृष्टता के लिए कार्य करना चाहिए। वर्ष-दर-वर्ष व्यवस्थित रूप से आगे बढ़ें, महत्वाकांक्षी हों, देश-विदेश के संस्थानों से सहयोग करें और वैश्विक समस्याओं के समाधान में योगदान दें।

—2014 से अब तक बीएचयू आईआईटी ने 493 पेटेंट दर्ज किए

कार्यक्रम में अधिष्ठाता प्रो. राजेश कुमार ने संस्थान की उपलब्धियों को बताया। उन्होंने कहा कि पिछले दशकों में संस्थान ने बौद्धिक संपदा और प्रौद्योगिकी विकास में महत्वपूर्ण प्रगति की है। 2014 से अब तक संस्थान ने 493 पेटेंट दर्ज किए, जिनमें से 410 प्रकाशित, 243 स्वीकृत और 12 तकनीकें उद्योग में सफलतापूर्वक स्थानांतरित की गईं। इस अवसर पर जेआईसी स्टार्टअप सीड ग्रांट अवार्ड का शुभारंभ डॉ. एम.के. मेशरॉम ने किया। लगभग 100 रिसर्च पोस्टर और 58 ग्रांटेड पेटेंट की प्रदर्शनी आयोजित की गई और पेटेंट प्राप्त शिक्षकों का सम्मान किया गया। संचालन डॉ. सूर्य देव यादव और डॉ. काव्या व धन्यवाद ज्ञापन एसोसिएट डीन प्रो. आभा मिश्रा ने दिया।

—समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए

कार्यक्रम के दौरान उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) और आईआईटी बीएचयू के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। यूपीसीडा की तरफ से सीईओ मयूर माहेश्वरी और संस्थान की तरफ से अधिष्ठाता प्रो. राजेश कुमार ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर यूपीसीडा सीईओ ने कहा कि यह साझेदारी “शैक्षणिक उत्कृष्टता को औद्योगिक विकास से जोड़ने और नवाचारों को उद्योग एवं युवा उद्यमियों तक पहुँचाने” में मदद करेगी।

—इन शिक्षकों का किया गया सम्मान

शिक्षक दिवस पर समारोह में संस्थान के चार अध्यापकों को चार अलग-अलग श्रेणियों में बेस्ट टीचर्स अवार्ड से सम्मानित किया गया। डीन फैकल्टी अफेयर्स प्रोफेसर एन.के. मुखोपाध्याय ने नामों की घोषणा की। इसमें भौतिकी विभाग के प्रोफेसर प्रभाकर सिंह को यूजी प्रथम वर्ष श्रेणी में, स्कूल ऑफ मैटेरियल्स साइंस के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. आशीष कुमार मिश्रा को पीजी कक्षाओं की श्रेणी में पुरस्कृत किया गया। रसायन विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. साम्या बनर्जी को यूजी विज्ञान/मानविकी (द्वितीय से चतुर्थ वर्ष) श्रेणी में यह सम्मान मिला। विद्युत इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर संतोष कुमार सिंह को यूजी इंजीनियरिंग (द्वितीय से चतुर्थ वर्ष) श्रेणी में पुरस्कृत किया गया। बेस्ट टीचर्स अवार्ड निदेशक प्रो. अमित पात्रा, डॉ. जी. सतीश रेड्डी और सीईओ मयूर माहेश्वरी ने संयुक्त रूप से दिया।

(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी

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