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एच-1 बी वीजा शुल्क वृद्धि का फैसला अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए हानिकारकः कृष्णमूर्ति

वाशिंगटन, 20 सितंबर (Udaipur Kiran News) । अमेरिकी राष्ट्रपति डाेनाल्ड ट्रंप के एच-1 बी वीजा शुल्क बढ़ाने के फैसले काे डेमाेक्रेटिक पार्टी के सांसदाें ने प्रतिभा का अपमान और अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए हानिकारक करार दिया है, जबकि सत्तारूढ़ रिपब्लिकन पार्टी के सांसदाें ने इस फैसला का बचाव किया है।मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक डेमाेक्रेट सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने इस शुल्क काे ऐसा अव्यवहारिक प्रयास बताया जाे देश काे उच्च कुशल श्रमिकाें से दूर करेगा। उन्हाेंने कहा कि कई एच-1 बी वीजा धारक आखिरकार अमेरिकी नागरिक बनकर व्यवसाय शुरू करते हैं जाे अच्छे वेतन वाली नाैकरियां पैदा करते हैं। जब अन्य देश वैश्विक प्रतिभा काे आकषिर्त कर रहे हैं तब अमेरिका काे अपने कार्यबल काे मजबूत कर आव्रजन नीति काे आधुनिक बनाना चाहिए न कि बाधांए खड़ी करके अर्थव्यवस्था काे कमजाेर करना चाहिए।फांउडेशन फार इंडिया एंड इंडियन डायस्पाेरा स्टडीज के खंडेराव कंद ने इस फैसले काे बेहद निराशाजनक बताया। कैटाें इंस्टीटयूट के डेविड जे बियर ने कहा कि भारतीय एच-1 बी पेशेवराें ने कराे और सेवाओं के जरिए देश की अर्थव्यवस्था में बड़ा याेगदान दिया है। उन्हाेंने इस फैसले काे नकारात्मक साेच का परिणाम बताते हुए इसकी कड़ी निंदा की। पूर्व राष्ट्रपति जाे बाइडेन के सलाहकार एवं एशियाई अमेरिकी समुदाय के नेता और डेमाेक्रेट पार्टी की नीतियाें के प्रति झुकाव रखने वाले सांसद अजय भुटाेरिया ने चेतावनी दी कि ट्रंप का यह कदम अमेरिकी प्राैद्याेगिकी क्षेत्र की प्रतिस्पर्धा क्षमता काे खतरे में डाल सकता है। उन्हाेंने कहा कि यह कदम कुशल पेशेवराें काे दूर भगाएगा जाे सिलिकान वैली काे शक्ति प्रदान करते हैं और अमेरिकी अर्थव्यवस्था में अरबाें डालर का याेगदान करते हैं। इस बीच अमेरिकी वाणिज्य सचिव एच. लुटनिक ने इस फैसले का समथर्न करते हुए कहा कि अब कंपनियाें काे फैसला करना हाेगा कि क्या व्यक्ति इतना मूल्यवान है कि सरकार काे हर साल एक लाख डालर का भुगतान किया जाए या फिर उन्हें घर भेज दिया जाए। उन्हाेंने कहा की सभी कंपनियां इससे सहमत हैं और यह ट्रंप प्रशासन की अमेरिका प्रथम नीति के तहत ही किया गया है।

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(Udaipur Kiran) / नवनी करवाल

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