
बिलासपुर, 1 अगस्त (Udaipur Kiran) । छत्तीसगढ़ के दुर्ग में कथित मानव तस्करी के मामले में गिरफ्तार दो नन की जमानत से जुड़े मामले में बिलासपुर की एनआईए विशेष न्यायालय में सुनवाई हुई। इस मामले में शुक्रवार को एनआईए की विशेष न्यायालय में सुनवाई में दोनों पक्षों की तरफ से जिरह की गई। एएनआईए की स्पेशल कोर्ट ने मामले को सुरक्षित कर लिया है, अब इस मामले में शनिवार को फैसला आने की जानकारी है। वहीं न्यायालय ने दुर्ग सेशन कोर्ट में हुई सुनवाई के बाद, केस डायरी तलब की है। अधिवक्ता अमृतो दास ने बताया न्यायालय ने पक्ष सुना है।यह सुनवाई प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एनआईए कोर्ट) सिराजुद्दीन कुरैशी की अदालत में हुई।
सरकारी वकील दाऊ चंद्रवंशी ने शुक्रवार को बताया कि, मामला ह्यूमन ट्रैफिकिंग और धर्मांतरण से जुड़ा है। न्यायालय में दोनों पक्षों को सुना गया है। अब न्यायालय ने अंतिम निर्णय सुरक्षित रखा किया है।सरकारी वकील दाऊराम चंद्रवंशी ने जमानत याचिका का विरोध किया और कहा कि मामले की जांच अभी शुरुआती चरण में है।चंद्रवंशी ने मीडिया से चर्चा करते हुए बताया कि मामले की जांच अभी शुरुआती चरण में है। अदालत ने दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद कल (शनिवार) तक अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है। बचाव पक्ष के वकील अमृतो दास ने संवाददाताओं को बताया कि जमानत याचिकाओं पर सुनवाई हुई और हमने सभी बातें रखीं।
जेल में बंद नन की तरफ से सेशन कोर्ट के एनआईए कोर्ट ट्रांसफर होने बाद जमानत के लिए याचिका में लगाई गई है। इस मामले में प्रीति मेरी, बंधना फ्रांसिस और सुखमन मंडावी की तरफ से विशेष न्यायालय में जमानत याचिका दायर की गई है। दरअसल दुर्ग रेलवे स्टेशन में नारायणपुर जिले के ग्राम मरकाबोड़ और अन्य जिले में रहने वाली तीन आदिवासी युवतियों को आगरा ले जाने पहुंची थी। 25 जुलाई को दुर्ग की रेलवे पुलिस ने प्रीति मैरी और वंदना फ्रांसिस नामक दो नन के साथ सुकमन मंडावी नामक एक व्यक्ति को दुर्ग रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया था।वहीं बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने इसे मानव तस्करी से जोड़कर जमकर हंगामा किया था।इस मामले में कांग्रेस पार्टी ने भी स्टैंड लिया है और केरल के 5 सदस्य दुर्ग जेल में गिरफ्तार की गई नन से मुलाकात करने पहुंचे थे।
(Udaipur Kiran) / Upendra Tripathi
