
नई दिल्ली, 19 सितंबर (Udaipur Kiran) । केंद्रीय संसदीय एवं अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि संसद में व्यवधान और शोर भारतीय लोकतंत्र की जीवंतता को दर्शाते हैं।
उन्होंने कहा कि अगर संसद में बहस और व्यवधान नहीं होंगे तो और कहां होंगे? जीवंत लोकतंत्र के लिए गरमागरम बहसें आवश्यक हैं, लेकिन शारीरिक अवरोध महत्त्वपूर्ण विधेयकों के पारित होने में रुकावट डालते हैं और संसद की उत्पादकता घटाते हैं।
रिजिजू शुक्रवार को इंटरनेशनल आंबेडकर सेंटर में फिक्की लेडीज़ ऑर्गनाइजेशन(एफएलओ) द्वारा आयोजित फ्यूचर फ्रंटियर्स कॉन्क्लेव को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने हाल ही में संपन्न मानसून सत्र का उल्लेख करते हुए कहा कि लोकसभा की उत्पादकता 31 प्रतिशत और राज्यसभा की 39 प्रतिशत रही तथा कुल 15 विधेयक पारित किए गए। रिजिजू ने
कहा कि केंद्र सरकार हमेशा महिला-नेतृत्व वाले विकास की दिशा में काम कर रही है, क्योंकि महिलाओं का सशक्तिकरण ही समाज के सशक्तिकरण की कुंजी है।
कार्यक्रम में अंतरिक्ष यात्री और भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने युवाओं और महिलाओं को जिज्ञासु और नवाचारशील बने रहने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि यह भारत के लिए अंतरिक्ष अनुसंधान का “स्वर्णिम समय” है। अपने मिशन के अनुभव साझा करते हुए उन्होंने सामूहिक प्रयास, समावेशिता और बड़े सपने देखने की महत्ता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष मिशन के दौरान उन्होंने भारत के भविष्य के अंतरिक्ष मिशनों के लिए सामूहिक प्रयास और बड़े सपने देखने के महत्व को सीखा। समावेशिता और अवसर की भावना, कभी हार न मानने और अन्वेषण व नवाचार की भावना को अपनाने का महत्व, युवाओं को यह विश्वास दिलाता है कि वे भी अंतरिक्ष यात्री बन सकते हैं और अंतरिक्ष में भारत के उज्ज्वल भविष्य में योगदान दे सकते हैं।
इस अवसर पर फिक्की एफएलओ की अध्यक्ष पूनम शर्मा ने संगठन के कार्यों का विवरण देते हुए बताया कि एफएलओ ग्रामीण महिलाओं के कौशल विकास, आजीविका संवर्द्धन, वित्तीय साक्षरता से लेकर उद्यमियों के मार्गदर्शन, स्टार्ट-अप और एमएसएमई को प्रोत्साहन तथा नीति स्तर पर लैंगिक समानता की पैरवी तक हर क्षेत्र में सक्रिय है। उन्होंने एफएलओ की प्रमुख पहलों जैसे एफएलओ स्टार्ट-अप, एफएलओ एमएसएमई, एफएलओ हैंडलूम एवं हैंडीक्राफ्ट, एफएलओ विमेन डायरेक्टर्स, एफएलओ डिजिटल इनिशिएटिव का उल्लेख किया और सस्टेनेबिलिटी इनिशिएटिव तथा एसटीईएम क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी को विशेष रूप से रेखांकित किया।
कॉन्क्लेव में बीके शिवानी ने भी अपने विचार रखे। इसके साथ पैनल चर्चा भी आयोजित की गई जिसमें डॉ. किरण बेदी, शॉम्बी शार्प, दीपा सिंह बगई, सुनील सेठी और सलोना चंदना ने सहभागिता की। फिक्की एफएलओ नेशन बिल्डर अवॉर्ड्स प्रदान किए गए, जिनमें डॉ. मीनाक्षी गुप्ता (गूंज) की सह-संस्थापक, डॉ. सुमित्रा रावत (गंगाराम अस्पताल), दिगराज सिंह राजपूत (सीईओ, नेक्स्ट टॉपर्स) और वैज्ञानिक डॉ. रुक्मणी कृष्णमूर्ति शामिल रहे।
इस अवसर पर फ्लो की वरिष्ठ उपाध्यक्ष पूजा गर्ग, राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष स्मृति पुरी एवं पूर्व अध्यक्षगण भी उपस्थित रहे।
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(Udaipur Kiran) / विजयालक्ष्मी
