

दमोह,07 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । मध्य प्रदेश के दमोह नगर में महाराणा प्रताप उप नगर का एकत्रीकरण मंगलवार को स्थानीय पालीटेक्निक काॅलेज के प्रांगण में हुआ। मुख्य अतिथि सिक्ख समाज से इंद्रजीत अरोरा,संघ के सह प्रांत प्रचारक श्रवण और जिला सरसंघ चालक डॉ विक्रांत चौहान द्वारा सर्वप्रथम शस्त्र पूजन एवं ध्वज प्रणाम किया गया। अतिथियों द्वारा संघ की मासिक पत्रिका शाश्वत हिंदू गर्जना के शताब्दी वर्ष पर प्रकाशित विशेष अंक का विमोचन किया गया।
विदित हो कि पत्रिका महाकौशल प्रांत के 23 हजार 914 ग्रामों के 55 हजार से अधिक घरों तक अपनी पहुंच बनाए हुए हैं। मुख्य अतिथि इंद्रजीत अरोरा ने अपने उद्बोधन में कहा कि संघ जाति संप्रदाय का भेदभाव मिटाकर सामाजिक एकजुटता और समरसता लाने के लिए सतत् रूप से कार्य कर रहा है और साथ ही अपने कार्यों से सांस्कृतिक और सामाजिक समरसता को बढ़ा रहा है। संघ का यह आयोजन महज 100 वर्षों के होने का नहीं है बल्कि बल्कि राष्ट्र सेवा और परिवर्तन के 100 वर्षों के यात्रा है। उन्होंने कहा कि वीर साहबजादो के बलिदान दिवस 26 नवंबर को वीर दिवस के रूप में मनाया जाना एक महान और धन्यवाद ज्ञापित करने का विषय है।
सह प्रांत प्रचारक श्रवण जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि संघ की स्थापना किन कारणों से हुई यह हमें जान लेना चाहिए। हजारों वर्षों में हमारे देश पर अलग-अलग लोगों द्वारा आक्रमण किया जाता है और यह हमें लूटते रहे। ऐसे में जब अंग्रेजों से स्वतंत्रता का आंदोलन शुरू हुआ तो डॉ हेगडेवार जी को यह शंका थी कि हमारे प्रयासों से हमें स्वतंत्रता मिल तो जाएगी लेकिन अक्छुण रह सकेगी यह तय नहीं। जब तक हिन्दू समाज में जागरूकता नहीं होगी तो स्वतंत्रता हमेशा रह पाएगी यह तय नहीं है। इसलिए उन्होंने विद्यार्थियों के साथ मिलकर संघ की स्थापना की। अपनी स्थापना पर एक बीज के रूप के रोपित संघ आज वट वृक्ष के रूप में हमारे सामने है। स्वंयसेवकों के द्वारा क्षेत्र के प्रमुख मार्ग होकर घोष की धुन पर पथ संचलन भी किया जिसका जगह-जगह स्वागत किया गया।
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(Udaipur Kiran) / हंसा वैष्णव
