
सरायकेला, 7 अक्टूबर ( हि.स. )। सरायकेला-खरसावां जिले के दलमा वन्य प्राणी आश्रयणी की पहचान बन चुकी मादा हाथी रजनी का 16वां जन्मदिन मंगलवार को बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस खास अवसर पर वन विभाग की ओर से स्थानीय ग्रामीणों, स्कूली बच्चों और जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। पूरे माहौल में उत्सव का रंग दिखाई दिया और हर कोई रजनी को शुभकामनाएं देने पहुंचा।
करीब 13 वर्ष पहले दलमा के जंगलों में झुंड से बिछड़ने और घायल अवस्था में पाए जाने के बाद वन विभाग की टीम ने इस मादा हाथी को रेस्क्यू किया था। उस समय विभाग के अधिकारियों और चिकित्सकों ने अथक प्रयास कर उसका इलाज किया और उसे दलमा वन्य प्राणी आश्रयणी में सुरक्षित रखा। धीरे-धीरे प्यार और देखभाल से वह पूरी तरह स्वस्थ हुई और सभी की चहेती बन गई। विभाग ने उसका नाम रजनी रखा।
आज रजनी न केवल दलमा की शान बन चुकी है, बल्कि हर आने वाले पर्यटक के आकर्षण का केंद्र भी है। मालूकोचा क्षेत्र में बने उसके स्थायी आवास पर प्रतिदिन सैकड़ों लोग उसे देखने पहुंचते हैं। मंगलवार को उसके जन्मदिन के अवसर पर वन विभाग की ओर से 16 पाउंड का केक तैयार करवाया गया, जिसे काटकर बच्चों के बीच वितरित किया गया। रजनी भी इस मौके पर उत्साहित दिखी और बच्चों के साथ खेलते हुए खुशी का इजहार करती नजर आई।
इस अवसर पर ईचागढ़ की विधायक सविता महतो भी मौजूद रहीं। उन्होंने रजनी को दलमा परिवार का अभिन्न हिस्सा बताते हुए उसकी दीर्घायु की कामना की। साथ ही वन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि रजनी के संरक्षण और देखभाल में वन विभाग की भूमिका सराहनीय एवं अनुकरणीय है।
वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस तरह के आयोजनों का उद्देश्य केवल उत्सव मनाना नहीं, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और वन्यजीवों के प्रति समाज में जागरूकता फैलाना है। रजनी का जीवन और उसका संरक्षण लोगों को यह संदेश देता है कि इंसान और वन्यजीवों के बीच संतुलन और सद्भाव ही प्रकृति की सच्ची खूबसूरती है।
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(Udaipur Kiran) / विकाश कुमार पांडे
