चंडीगढ़, 11 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । हरियाणा के आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार द्वारा आत्महत्या किए जाने के बाद राजधानी चंडीगढ़ में दलित संगठनों की लामबंदी शुरू हो गई है। दलित संगठनों ने रविवार को चंडीगढ़ में महापंचायत बुला ली है। जिसमें प्रदेश स्तर पर संघर्ष का ऐलान किया जाएगा। हरियाणा व पंजाब के विभिन्न दलित संगठनों ने आज संयुक्त रूप से 31 सदस्यों की संघर्ष कमेटी का गठन कर दिया है।
दलित संगठनों ने ऐलान किया है कि डीजीपी व एसपी की गिरफ्तारी के बाद ही पूरन कुमार का पोस्टमार्टम करवाया जाएगा। कमेटी के प्रवक्ता जय नारायण ने बताया कि हरियाणा के विभिन्न जिलों से दलितों के संगठन चंडीगढ़ पहुंच रहे हैं। अभी तक सरकार की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं की है। उन्होंने कहा कि परिवार तथा संघर्ष कमेटी की मांग है कि दोनो अधिकारियों को नौकरी से बर्खास्त करते हुए गिरफ्तार किया जाए। जब दोनों अधिकारियों के विरूद्ध कार्रवाई की कॉपी परिवार को सौंपी जाएगी तो उसके बाद ही पोस्टमार्टम करवाया जाएगा व अंतिम संस्कार किया जाएगा।
रोहतक के एसपी को हटाना परिवार की मांग नहीं बल्कि उनको बर्खास्त करने की मांग है। इन सब मुद्दों पर मंथन के लिए रविवार को चंडीगढ़ के सेक्टर 20 स्थित रविदास भवन में महापंचायत बुलाई गई है। जिसमें आगे की कार्रवाई पर फैसला लिया जाएगा। इस बीच अंतरराष्ट्रीय वाल्मीकि सभा के महासचिव मुकेश कुमार ने कहा कि आज परिवार की सहमति के बाद शव को पीजीआई शिफ्ट कर दिया गया। यह अन्यायपूर्ण है। उन्होंने कहा कि पूरन कुमार का जीते जी शोषण किया गया और मृत्यु के बाद भी अन्याय हो रहा है। इस बीच दलित प्रतिनिधियों ने पूरन कुमार को शहीद की संज्ञा देते हुए सोशल मीडिया पर एक ग्रुप भी बनाया है। जिसमें इस मामले से संबंधित अपडेट डाली जाएंगी। इससे यह साफ हो गया है कि अब दलित संगठन इस लड़ाई को तेज कर सकते हैं।
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(Udaipur Kiran) शर्मा
