
वाराणसी मंडल के रेलवे स्टेशनों पर गूंजे छठ मइया के गीत, योगी सरकार ने किए विशेष प्रबंध
वाराणसी, 25 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । लोक आस्था और सूर्य उपासना का महापर्व डाला छठ शनिवार को नहाय-खाय के साथ पूरे उत्तर प्रदेश में आरंभ हो गया। पहले दिन से ही पूरे प्रदेश में छठ की रौनक के साथ श्रद्धा का वातावरण दिखने लगा है। पर्व की खुशियां पूरे प्रदेश में बिखरने लगी है। वाराणसी मंडल के रेलवे स्टेशनों से लेकर घरों और बाजारों तक “कांच ही बांस के बहंगिया”, “बाट जे पूछेला बटोहिया” और “बहंगी लचकत जाए” जैसे पारंपरिक छठ पर्व गीत गूंज रहे हैं। बाजारों में पूजन सामग्री की खरीदारी जोरों पर है। वहीं व्रती महिलाओं के परिजन घाटों, कुंडों और सरोवरों के किनारे पूजा वेदी तैयार करने में जुटे हैं।
नहाय-खाय के साथ चार दिवसीय व्रत का संकल्प
पर्व के पहले दिन शनिवार को व्रती महिलाओं ने प्रातः स्नान-ध्यान के बाद भगवान भाष्कर की आराधना कर चार दिवसीय व्रत का संकल्प लिया। आम की लकड़ी से मिट्टी के चूल्हे पर नए अरवा चावल, चने की दाल और कद्दू की सब्जी बनाकर छठ मइया को भोग लगाया गया। शाम को व्रती महिलाएं यह प्रसाद ग्रहण कर परिवारजनों में इसे वितरित करेंगी। रविवार को खरना के दिन महिलाएं दिनभर निर्जल रहकर संध्या समय छठ मइया की पूजा करेंगी। पूजा के बाद वे रसियाव, शुद्ध घी की रोटी और केले का भोग लगाकर स्वयं प्रसाद ग्रहण करेंगी। खरना के पश्चात 36 घंटे का निर्जला व्रत आरंभ होगा। सोमवार को व्रती महिलाएं गीत गाते हुए सिर पर पूजा की देउरी रख गाजे-बाजे के साथ नदी या सरोवर तट तक जाएंगी, जहां अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया जाएगा। मंगलवार को उदयाचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने के साथ व्रत का पारण किया जाएगा।
धार्मिक आस्था और शुद्धता का पर्व
नक्खीघाट तपोवन के ज्योतिषविद पं. रविन्द्र तिवारी ने बताया कि कार्तिक शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को पड़ने वाला यह व्रत दीपावली के छठें दिन से प्रारंभ होकर सप्तमी को सूर्य को अर्घ्य देने के साथ संपन्न होता है। व्रत के दौरान महिलाएं 36 घंटे निर्जला रहकर भगवान भाष्कर की उपासना करती हैं। उन्होंने बताया कि छठ के चारों दिनों में घरों में विशेष रूप से स्वच्छता और पवित्रता का ध्यान रखा जाता है। प्रसाद पूर्णतः देशी घी से तैयार होता है तथा व्रत के दौरान घरों में लहसुन-प्याज का प्रयोग वर्जित रहता है। साहित्यकार श्याम नारायण लाल और डॉ. जयशंकर यादव ‘जय’ के अनुसार, डाला छठ अब बिहार, उत्तर प्रदेश और झारखंड की सीमाओं से आगे बढ़कर विदेशों तक अपनी पहचान बना चुका है। सूर्य उपासना और प्रकृति के प्रति सम्मान का प्रतीक यह पर्व अब राष्ट्रीय स्वरूप ले चुका है।
रेलवे स्टेशनों पर गूंजे छठ गीत, यात्रियों में उत्साह
छठ पर्व के अवसर पर वाराणसी मंडल के 15 से अधिक रेलवे स्टेशनों पर उद्घोषणा प्रणाली के माध्यम से पारंपरिक छठ गीत बजाए जा रहे हैं। थावे जंक्शन सहित विभिन्न स्टेशनों पर “कांच ही बांस के बहंगिया” और “केलवा के पात पर उगेलन सुरुज देव” जैसे गीत यात्रियों को भावनात्मक रूप से अपने प्रदेश की मिट्टी से जोड़ रहे हैं। पूर्वोत्तर रेलवे वाराणसी मंडल के जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि हर वर्ष छठ पर्व पर लाखों लोग घर लौटते हैं। इस बार यात्रियों की सुविधा के लिए 12 हजार से अधिक विशेष ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है।
योगी सरकार ने की विशेष व्यवस्था
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूरे प्रदेश में छठ व्रतियों और श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं। गंगा घाटों सहित अन्य नदियों के किनारे सुरक्षा, सफाई, पेयजल, शौचालय, चिकित्सा और भीड़ प्रबंधन की विशेष व्यवस्था के निर्देश जारी किए गए हैं।
—————
(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी
