
प्रयागराज, 22 सितंबर (Udaipur Kiran News) । रेड ईगल साइक्लिंग अभियान का समापन धामूपुर, गाजीपुर में हुआ। यह आयोजन 1965 भारत-पाक युद्ध की हीरक जयंती, स्ट्राइक वन व रेड ईगल डिवीजन के गठन तथा परम वीर चक्र विजेता सीक्यूएमएच अब्दुल हमीद की शहादत और वीरता के सम्मान में आयोजित किया गया।
गाज़ीपुर, उत्तर प्रदेश 1965 भारत-पाक युद्ध की हीरक जयंती मनाने और परम वीर चक्र (पीवीसी) विजेता कम्पनी क्वार्टर मास्टर हवलदार अब्दुल हमीद की सर्वोच्च शहादत को नमन करने के लिए 19 सितंबर को प्रयागराज के ओल्ड कैंटोनमेंट स्थित वीर अब्दुल हमीद द्वार से साइकिलिंग अभियान का शुभारंभ किया गया। यह अभियान 22 सितंबर को उनके जन्मस्थान धामूपुर (गाजीपुर) स्थित वीर अब्दुल हमीद पार्क में सम्पन्न हुआ।
यह जानकारी रक्षा मंत्रालय, प्रयागराज के विंग कमांडर एवं पीआरओ देबर्थो धर ने साेमवार काे दी। उन्होंने बताया कि साइक्लिस्टों ने चार दिनों में उत्तर प्रदेश के तीन जिलों से गुजरते हुए कुल 231 किलोमीटर की दूरी तय की। इस दौरान उन्होंने न केवल शारीरिक सहनशक्ति का प्रदर्शन किया बल्कि भारत के युद्ध नायकों की विरासत को सहेजने का अदम्य संकल्प भी दिखाया।
उन्होंने बताया कि सीक्यूएमएच अब्दुल हमीद को 1965 के असल उत्तर युद्ध में शत्रु के कई टैंकों को नष्ट करने के लिए भारत के सर्वोच्च वीरता पुरस्कार परम वीर चक्र से मरणोपरांत सम्मानित किया गया था। उनकी शहादत स्वतंत्र भारत के युद्ध इतिहास में शौर्य का अनुपम उदाहरण मानी जाती है। आज इस अभियान का समापन धामूपुर, गाज़ीपुर में स्थित सीक्यूएमएच अब्दुल हमीद, पीवीसी के स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित कर किया गया।
विंग कमांडर ने बताया कि समापन समारोह में गाजीपुर के जिला मजिस्ट्रेट और पुलिस अधीक्षक ने रेड ईगल डिवीजन के साइक्लिस्टों को उनकी सहनशक्ति और प्रतिबद्धता के लिए पदक प्रदान कर सम्मानित किया। रेड ईगल डिवीजन की साइक्लिंग टीम ने क्षेत्र के पूर्व सैनिकों की समस्याओं को सुना और भारतीय सेना की अपने पूर्व सैनिकों के कल्याण के लिए प्रतिबद्धता को दोहराया।
पीआरओ ने बताया कि धामूपुर के युवाओं और देवकली स्थित हनुमान सिंह इंटर कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए एक जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किया गया। इसमें भारतीय सेना में भर्ती प्रक्रिया, सैन्य संरचना और अनुशासन व सेवा की भावना पर प्रेरक व्याख्यान दिए गए। साथ ही, “इंडियन इंडियन आर्मी“ संबंधी पुस्तिकाएं प्रयागराज से धामूपुर तक के मार्ग में युवाओं को वितरित की गई।
यह अभियान न केवल 1965 के युद्ध नायकों को श्रद्धांजलि है, बल्कि युवाओं को साहस, बलिदान और कर्तव्यनिष्ठा के उन आयामों की झलक भी प्रस्तुत करता है, जिन्हें सीक्यूएमएच अब्दुल हमीद, पीवीसी ने अपने जीवन में परिभाषित किया।
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(Udaipur Kiran) / विद्याकांत मिश्र
