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‘लव जिहाद’ प्रकरणों काे लेकर साइबर पुलिस की एडवाइजरी, “सावधानी में सुरक्षा है”

युवितयाें की सुरक्षा के लिए पुलिस की एडवाइजरी

भोपाल, 17 जून (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश में पुलिस, हिन्‍दू संगठनों की सक्रियता और युवतियों की जाग्रति के चलते लगातार सामने आ रहे महिला अपराध और लव जिहाद के कई सनसनीखेज मामलों ने पूरे सिस्‍टम को हिलाकर रख दिया है। दरअसल, अपराधों का उजागर होना बता रहा है कि पुलिस प्रशासन सक्रिय और सचेत है, जिसके कारण यह संभव हो पा रहा है कि आखिर अपराधी पकड़े जा रहे हैं, लेकिन अब पुलिस चाहती है कि अपराध होने से पहले ही उसकी रोकथाम कर दी जाए। इसलिए युवतियों से जुड़े अपराधों को रोकने अब राज्य साइबर पुलिस विशेष रूप से साक्रिय हो उठी है। इसके लिए उसने युवतियों और महिलाओं के लिए एक विशेष एडवाइजरी जारी की है। एडवाजरी सोमवार को उप पुलिस अधीक्षक (प्रशिक्षण) हेतु-अतिरिक्‍त पुलिस महानिदेशक, राज्‍य साइबर पुलिस मुख्‍यालय भोपाल के नाम से जारी किया गया है।

एडवाइजरी में अंतरंग फोटो या वीडियो न बनाने, न ही मोबाइल में सेव करने और स्कूल-कॉलेज या सोशल मीडिया पर अनजान व्यक्तियों से दोस्ती न करने काे कहा गया है। कब किससे आपत्‍त‍िकाल में संपर्क कर अपने को सुरक्षित रखा जा सकता है, यह भी बताया जा रहा है। एडवाइजरी के परिचय में लिखा गया है कि “वर्तमान में जालसाजों या संगठित गिरोह द्वारा छात्राओं, महिलाओं से यौन शोषण और ब्लैकमेलिंग के मामले में सामने आ रहे हैं। जिनमें महिलाओं को फर्जी प्रेम-जाल में फसाकर उनके अश्लील अंतरंग वीडियो बनाकर यौन शोषण और ब्लैकमेलिंग की जाती है।”

एडवाइजरी के दूसरे भाग में युवतियों के साथ होनेवाले षड्यंत्रों एवं धोखे के बारे में बताया गया है। कहा गया है कि स्कूल कॉलेज जाने वाली, घर से बाहर रहकर पढ़ने वाली युवतियों एवं एकल महिलाएं जालसाजों के निशाने पर हैं। जालसाज व्यक्ति निजी स्तर पर या संगठित गिरोह बनाकर इस प्रकार की युवतियों/महिलाओं से स्कूल, कॉलेज, कोचिंग आदि या सोशल मीडिया के माध्यम से दोस्ती करते हैं। जालसाज महंगी जीवनशैली और लग्जरी गाड़ियों व इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स का इस्तेमाल करते हैं, इस प्रकार दिखावे के प्रलोभन में आकर युवतियां ऐसे लोगों की बातों में आकर इनसे दोस्ती कर लेती हैं।

इतना ही नहीं, ये एडवाइजरी आगे कहती है, “कई बार जालसाजों के गिरोह में इनके सहयोग के लिए महिलाएं भी होती हैं। शुरू में जालसाज का व्यवहार बेहद सहयोगात्मक एवं शराफत भरा होता है, जिससे ये युवतियों का विश्वास जीत लेते हैं। इसके बाद जालसाज युवतियों को पब, रेस्टोरेंट, होटल, ढाबा इत्यादि जगहों पर ले जाकर लक्जरी जीवन शैली एवं नशे की लत लगवाकर नशे की हालत में इनका यौन शोषण करते हैं। ऐसे स्थान अधिकतर इनके गिरोह के सदस्यों के ही होते हैं, जिनमें छुपे हुए कैमरे लगे होते हैं। जालसाज आपत्तिजनक स्थितियों की अश्लील फोटो/वीडियो बनाकर युवतियों को ब्लैकमेल करते हैं एवं गिरोह के अन्य सदस्यों से यौन संबंध बनाने के लिए मजबूर करते हैं।”

अपराधी किस्‍म के लोग अक्‍सर “पीड़िताओं को सहेलियों एवं परिचित युवतियों को इनकी बताई जगहों पर लाने के लिए मजबूर कर उनका भी जबरन यौन शोषण एवं इसी प्रकार ब्लैकमेलिंग करते हैं, जिससे कई युवतियां इनका शिकार हो जाती हैं। कुछ प्रकरण में महिलाओं पर जबरन शादी, धर्मांतरण के लिए दबाव बनाया जाता है एवं इन्हें मानव तस्करी व देह व्यापार जैसे अनैतिक कार्य में भी धकेला जा सकता है।” ऐसे में प्रदेश की सभी युवतियों से विशेष तौर पर सावधान रहने के लिए कहा जा रहा है।

एडवाइजरी के तीसरे भाग में पांच सावधानियां बताई गई हैं। इसमें कहा गया है कि सभी युवतियां अंतरंग फोटो वीडियो अपने मोबाइल में संग्रहित न करें और न ही किसी को करने दें। दो। सोशल मीडिया या स्कूल कॉलेज आदि में युवतियां, महिलाएं किसी भी अनजान व्याक्ति से दोस्ती न करें। किसी व्यक्ति की लकजरी जीवन शैली के प्रलोभन में न आए, ये दिखावा भी हो सकता है एवं किसी भी नशे से दूर रहें। ऑनलाइन मित्र से अकेले मिलने न जाएं। इस प्रकार के अपराध घटित होने पर शिकायत नजदीकी थाने में या www.cybercrime.gov.in या साइबर क्राइम हेल्प लाइन (टाेल फ्री) नम्बर 1930 पर तत्काल की जानी चाहिए।

उल्‍लेखनीय है कि राज्‍य साइबर पुलिस मुख्‍यालय, मध्‍यप्रदेश द्वारा छात्राओं/महिलाओं के अश्लील फोटो/वीडियो बनाकर यौन शोषण और ब्लैकमेलिंग से बचाव के संबंध में जारी की गई यह एडवाइजरी तब सामने आई है जबकि प्रदेश की प्रशासनिक राजधानी भोपाल के बाद आर्थि‍क राजधानी इंदौर, महाकाल की नगरी उज्‍जैन, प्रदेश की संस्‍कारधानी जबलपुर एवं बुंदेलखण्‍ड के सागर संभाग से संगठित लव जिहाद के अनेक मामले हाल ही में एक के बाद एक सामने आए हैं। फिलहाल एडवाइजरी को पढ़कर एवं महिला अपराधों को देखकर यही लग रहा है कि दिन प्रतिदिन स्‍थ‍िति राज्‍य में भयावह होती जा रही है।

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(Udaipur Kiran) / डॉ. मयंक चतुर्वेदी

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