Uttar Pradesh

साइबर चोरी और धोखाधड़ी खुद को सुरक्षित बनाना अनिवार्य हो गया है : प्रो मणींद्र अग्रवाल

कार्यक्रम के दौरान लिया गया छाया चित्र

कानपुर, 08 अगस्त (Udaipur Kiran) । आज के तेजी से विकसित हो रहे डिजिटल युग में एआई के अनुप्रयोग हमारे जीवन को बदल रहे हैं। साथ ही साइबर चोरी और साइबर धोखाधड़ी भी आम हो गई हैं। इसलिए हमारा भविष्य सुरक्षित बनाना अनिवार्य है। एफएसएआई पहल का उद्देश्य भी यही है कि हमारे यंग माइंड्स को सही उपकरण और मंच प्रदान किए जाएं ताकि वे एआई और साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में सार्थक योगदान दे सकें। यह बातें शुक्रवार को आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रो मणींद्र अग्रवाल ने कही।

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी कानपुर) ने शिबोधि फाउंडेशन के सहयोग से डॉ. बीवीआर मोहन रेड्डी, फाउंडर चेयरमैन और बोर्ड सदस्य, साइंट के पारिवारिक फाउंडेशन फ्यूचर सिक्योर एआई इनोवेशन प्रोग्राम आधिकारिक रूप से लॉन्च किया है। यह एक अहम पहल है जिसका उद्देश्य अंडरग्रेजुएट छात्रों में डीप-टेक उद्यमिता को बढ़ावा देना है।

एफएसएआई प्रोग्राम छात्रों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और साइबर सुरक्षा में नवाचारपूर्ण समाधान विकसित करने के लिए सशक्त बनाता है, जो तकनीक और राष्ट्रीय सुरक्षा के भविष्य के महत्वपूर्ण क्षेत्र हैं। यह आईआईटी कानपुर के अंडरग्रेजुएट छात्रों को उनके विचारों को प्रभावशाली उद्यमों में बदलने का अवसर प्रदान करता है, जिसमें वित्तीय सहायता, विशेषज्ञ मार्गदर्शन और संस्थागत समर्थन शामिल है, जो स्टार्टअप इनक्यूबेशन एंड इनोवेशन सेंटर आईआईटी कानपुर के माध्यम से दिया जाएगा।

इस प्रोग्राम के तहत चयनित छात्र टीमों को प्रोटोटाइप विकास के लिए छह लाख रुपये का अनुदान मिलेगा। उन्हें आईआईटी कानपुर के फैकल्टी सदस्यों और उद्योग विशेषज्ञों द्वारा मेंटरशिप, इंफ्रास्ट्रक्चर और इनक्यूबेशन सहायता, मास्टरक्लास, निवेशकों के नेटवर्क तक पहुंच, और सफल इनक्यूबेशन के बाद संभावित सीड फंडिंग के अवसर भी प्राप्त होंगे।

आईआईटी कानपुर के प्रतिष्ठित पूर्व छात्र डॉ. बीवीआर मोहन रेड्डी ने अपना विचार व्यक्त करते हुए कहा कि भारत में उद्यमिता को बढ़ावा देने की तत्काल आवश्यकता है। प्रोग्राम छात्रों को आत्मनिर्भर भारत के विजन में सक्रिय योगदान देने के लिए सशक्त बनाएगा। एआई और साइबर सुरक्षा अप्रत्याशित बदलाव ला रहे हैं, इसलिए यह पहल सही संसाधन सही मेंटरशिप और जिम्मेदारी से नवाचार करने की स्वतंत्रता प्रदान करती है। जिससे तकनीक वास्तव में समाज के सर्वोत्तम हित में सेवा करे।

(Udaipur Kiran) / रोहित कश्यप

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