गोड्डा, 24 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । लोक आस्था का चार दिवसीय महापर्व छठ शनिवार को नहाय-खाय के साथ शुरू होगा। छठ व्रत को लेकर जिले के शहरी इलाकों से लेकर सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों तक श्रद्धा, विश्वास और भक्ति का माहौल देखने को मिल रहा है। व्रति स्नान-पूजन कर शुद्धता के साथ पर्व की शुरुआत करेंगी।
शनिवार को व्रतधारी महिलाएं पूजा घरों में नेम-निष्ठा के साथ शुद्ध घी में बने कद्दू-भात का प्रसाद तैयार करेंगी। इसे भगवान को अर्पित करने के बाद श्रद्धापूर्वक ग्रहण किया जाएगा और फिर प्रसाद का वितरण परिवार के लोगों में किया जाएगा।
रविवार को खरना का आयोजन होगा, जिसमें परंपरा के अनुसार व्रति दूध या गन्ने के रस से बनी खीर और रसिया का महाप्रसाद तैयार करती हैं। शाम में भगवान सूर्य को अर्घ्य अर्पित कर यह पर्व आगे बढ़ेगा। तीसरे दिन अस्ताचलगामी सूर्य को और अंतिम दिन मंगलवार को उदीयमान सूर्य को जल में खड़ा होकर अर्घ्य देने की परंपरा निभाई जाएगी।
इधर छठ घाटों की सफाई और सजावट का कार्य युद्धस्तर पर जारी है। प्रशासनिक और सामाजिक संगठन दोनों स्तरों पर व्रतियों की सुविधा के लिए विशेष तैयारी की जा रही है।
छठ सामग्री की खरीददारी चरम पर
वहीं बाजारों में छठ सामग्री की खरीददारी चरम पर है। पूजन सामग्री, फल-फूल और सब्जियों की दुकानों पर भीड़ लगी हुई है। बढ़ती मांग के कारण कीमतों में भी तेजी देखी जा रही है।
कद्दू 70-80 रुपये प्रति पीस, सूप 300-400 रुपये जोड़ा, डाला 200-300 रुपये पीस, नारियल 80-100 रुपये जोड़ा, ईख 30 रुपये पीस, केला 500-700 रुपये कांडी, तथा सकरकंद 40-60 रुपये प्रति किग्रा तक बिक रहे हैं।
महंगाई के बावजूद श्रद्धालुओं का उत्साह कम नहीं हुआ है। बाजारों में जगह-जगह अस्थायी दुकानें सज चुकी हैं, वहीं कई सामाजिक संस्थाओं की ओर से मुफ्त पूजन सामग्री और चाय-जल की व्यवस्था भी की जा रही है।
चार दिन तक चलने वाला यह पर्व सूर्योपासना और शुद्ध आस्था का प्रतीक माना जाता है, जो लोक जीवन की पवित्रता और भक्ति का उत्सव है।
—————
(Udaipur Kiran) / रंजीत कुमार