
काकद्वीप, 01 अगस्त (Udaipur Kiran) । दक्षिण 24 परगना जिले के काकद्वीप और सागर द्वीप को जोड़ने वाले बहुप्रतीक्षित गंगासागर पुल परियोजना को लेकर एक बार फिर अनिश्चितता का माहौल बन गया है। मुरिगंगा नदी पर बनने वाले इस पुल के पहले टेंडर को आवश्यक संख्या में ठेकेदार कंपनियों की भागीदारी नहीं मिलने के कारण रद्द कर दिया गया। हालांकि, इसके ठीक एक दिन बाद बुधवार, 30 जुलाई को राज्य सरकार ने नया टेंडर प्रकाशित कर एक बार फिर उम्मीद की किरण जगाई।
सागर द्वीपवासियों का वर्षो पुराना सपना है कि मुरिगंगा नदी पर एक स्थायी पुल बने, जो द्वीप को मुख्यभूमि से सीधे सड़क मार्ग से जोड़े। इससे तीर्थयात्रियों और स्थानीय निवासियों को जलपथ पर निर्भरता से मुक्ति मिलेगी और आवाजाही आसान होगी। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की घोषणा के अनुसार, यह पुल परियोजना पूरी तरह राज्य सरकार द्वारा वित्तपोषित की जाएगी।
इस पुल की अनुमानित लागत लगभग एक हजार 500 करोड़ रुपये है और इसकी लंबाई लगभग 3.5 किलोमीटर होगी। यह पुल काकद्वीप के लॉट नंबर आठ और सागरद्वीप के कचुबेरिया को जोड़ेगा। वर्ष 2024-25 के राज्य बजट में इस परियोजना के लिए 500 करोड़ की पहली किश्त भी आवंटित की गई थी। जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, और प्रभावित परिवारों को मुआवजा राशि भी सौंपी जा चुकी है।
सागर से तृणमूल विधायक और सुंदरबन विकास मंत्री बंकिम हाजरा ने सफाई देते हुए कहा है कि पहले टेंडर में केवल दो कंपनियों ने भाग लिया था, जबकि किसी भी टेंडर को स्वीकृति देने के लिए कम से कम तीन कंपनियों की भागीदारी अनिवार्य होती है। इसी कारण टेंडर रद्द किया गया, लेकिन परियोजना रद्द नहीं हुई है। नया टेंडर जारी हो चुका है और इस बार प्रक्रिया शीघ्र पूरी की जाएगी।
(Udaipur Kiran) / अनिता राय
