
जोधपुर, 26 अगस्त (Udaipur Kiran) । राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत पाठ्य पुस्तकों का निर्माण कर प्रकाशित करना एक सराहनीय कार्य है। यह विद्यार्थियों के लिए आधार सामग्री है। जिससे वे अपना अध्ययन करते हैं। ये विचार जेएनवीयू में कला संकाय के अधिष्ठाता, प्रो. मंगलाराम विश्नोई ने आज हिन्दी विभाग की पाठ्य पुस्तक का विमोचन करते हुए कही।
प्रो. विश्नोई ने कहा कि पाठ्य पुस्तकें विद्यार्थियों के लिए उपयोगी होनी चाहिए। इस अवसर पर सम्बोधित करते हुए हिन्दी विभाग के अध्यक्ष प्रो. महीपाल सिंह राठौड़ ने कहा कि पाठ्य पुस्तकों का निर्माण एक सतत प्रक्रिया है। इसमें सम्मिलित रचनाएं हिन्दी के महत्वपूर्ण रचनाकारों की है। प्रो. किशोरीलाल रैगर ने कहा कि यह कार्य हिन्दी विभाग ने पहल करके किया है। पाठ्यक्रम समिति के संयोजक डॉ. कुलदीप सिंह मीना ने कहा कि यह हमारे लिए गर्व की बात है कि हमारी पाठ्य पुस्तकों का प्रकाशन राष्ट्रीय स्तर के प्रकाशकों द्वारा किया गया है।
इस अवसर पर गद्य परिमल सम्पादक डॉ. नीतू परिहार, मध्यकालीन हिन्दी कविता सं. प्रो.दीपेन्द्र सिंह जाडेजा, आधुनिक हिन्दी कविता सं. डॉ.मीता शर्मा व राष्ट्रीय चेतना का काव्य सं. डॉ. विनम्र सेन सिंह, नव विमर्श सं. प्रो. सियाराम मीना पुस्तकों का विमोचन किया। इस अवसर पर हिन्दी विभाग के डॉ. श्रवण कुमार, डॉ. कीर्ति माहेश्वरी, डॉ. प्रेम सिंह, डॉ. महेन्द्र सिंह, डॉ. कामिनी ओझा, डॉ. विनिता चौहान, डॉ. मीता सोलंकी, डॉ. कमला चौधरी, डॉ. भरत कुमार, डॉ. प्रवीण चंद, डॉ. अरविन्द कुमार जोशी उपस्थित रहे।
(Udaipur Kiran) / सतीश
