श्रीनगर, 10 सितंबर हि.स.। आरक्षण पर कैबिनेट उप-समिति की रिपोर्ट की स्थिति को लेकर विभिन्न हलकों से उठ रहे सवालों के बीच जम्मू-कश्मीर सरकार ने केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी (सीपीआईओ) द्वारा इस बारे में सूचना देने से इनकार करने के आदेश के खिलाफ दायर अपील को खारिज कर दिया है।
विधि न्याय और संसदीय कार्य विभाग के प्रथम अपीलीय प्राधिकारी ने सर्वाेच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय के निर्णयों और केंद्रीय सूचना आयोग द्वारा पारित आदेश का हवाला देते हुए सीपीआईओ द्वारा पारित आदेश को बरकरार रखा है।
सूचना मांगने वाले पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के नेता शेख मोहम्मद इमरान ने विधि, न्याय और संसदीय कार्य विभाग द्वारा सूचना देने से इनकार करने का विरोध किया था।
सीपीआईओ ने 5 अगस्त, 2024 को आरटीआई के विभिन्न प्रावधानों का हवाला देते हुए सूचना देने से इनकार कर दिया था।
आदेश में कहा गया है कि सीपीआईओ द्वारा दिनांक 05.08.2025 के आदेश द्वारा आरटीआई आवेदन का निपटारा सुस्थापित और तर्कसंगत है और आरटीआई अधिनियम के प्रावधानों के अनुरूप है इसलिए अपील खारिज की जाती है और सीपीआईओ के उक्त आदेश को बरकरार रखा जाता है।
आदेश में एफएए ने कहा है कि आरटीआई अधिनियम कैबिनेट के निर्णय का खुलासा तभी करने की अनुमति देता है जब निर्णय अंतिम रूप ले चुका हो और कैबिनेट उप-समिति विचार-विमर्श कर रही हो।
धारा 8(1)(प) का प्रावधान निर्णय पूरा होने और मामले के अंतिम रूप से निपटारे के बाद ही खुलासा करने की अनुमति देता है। यह प्रस्तुत किया जाता है कि कैबिनेट उप-समिति विचार-विमर्श कर रही है और कोई अंतिम निर्णय अधिसूचित नहीं किया गया है।
(Udaipur Kiran) / सुमन लता
