कोलकाता, 20 अगस्त (Udaipur Kiran) । कोलकाता के एनआरएस अस्पताल में बुधवार सुबह माकपा नेता दिनेश चंद्र डाकुआ का निधन हो गया। वे 95 वर्ष के थे और लंबे समय से बीमारियों से जूझ रहे थे। उन्होंने सोमवार सुबह 11:10 बजे अंतिम सांस ली।
डाकुआ उत्तर बंगाल की राजनीति के एक प्रमुख स्तंभ थे। स्वतंत्रता के बाद उन्होंने बामपंथी राजनीति में कदम रखा। शुरू में उन्होंने छात्र राजनीति के माध्यम से सक्रियता दिखाई और कानून की पढ़ाई के बाद वकालत का पेशा अपनाया। 1964 में जब सीपीआई(एम) का गठन हुआ, तब वे इसमें शामिल हुए।
वे 1967 में पहली बार माथाभंगा से विधायक निर्वाचित हुए। हालांकि 1969, 1971 और 1972 के चुनावों में वे हार गए। लेकिन उन्होंने 1977 से लगातार 2006 तक माथाभांगा में जीत हासिल की।
1987 में बामफ्रंट सरकार बनने पर उन्हें अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण विभाग का मंत्री नियुक्त किया गया, जिससे वे कूचबिहार के राजबंशी समुदाय से यह पद पाने वाले पहले व्यक्ति बने।
2001 में बुद्धदेव सरकार के दौरान डाकुआ को पर्यटन मंत्री बनाया गया, यह जिम्मेदारी उन्होंने 2006 तक संभाली। परन्तु उसी वर्ष उन्हें पार्टी ने प्रत्याशी नहीं बनाया, जिससे क्षेत्र में संगठन के भीतर असंतोष की खबरें आईं।
वह 2016 में त्रिपक्षीय राजनीतिक बदलाव के बाद सरकारी दमन के शिकार भी रहे —उस समय उनके घर पर कथित हमला हुआ था।
उनकी मृत्यु के बाद उनके शरीरदान करने का निर्णय उन्होंने पूर्व ही लिया था, जो उनके परिवार द्वारा भी सम्मानपूर्वक निभाए जाने की योजना है। बताया गया है कि उनका शव बाद में अलिमुद्दीन स्ट्रीट लाया जाएगा, जहां जनश्रद्धांजलि दी जाएगी।
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(Udaipur Kiran) / धनंजय पाण्डेय
