
रांची, 8 जुलाई (Udaipur Kiran) ।
केंद्र की सरकार किसानों और मजदूरों पर कहर बरपा रही है, 44 श्रम संहिता को बदलकर चार लेबर कोड में बदल दिया, किसानों को धोखा दिया। आज तक न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी सरकार नहीं कर पाई है। केंद्र सरकार के मजदूरी विरोधी नीतियों के विरोध में आम हडताल 17 सूत्री मांगों के समर्थन में बुधवार को होगी। इस हडताल में भाकपा भी शामिल होगी। यह बातें भाकपा के राज्य सचिव महेंद्र पाठक ने मंगलवार को कही। पाठक पार्टी के मेन रोड स्थित अल्बवर्ट एक्का् चौक के पास पार्टी कार्यालय में प्रेस वार्ता को संबोधित कर रहे थे।
वहीं महेंद्र पाठक ने छोटे बड़े व्यापारियों सहित फुटपाथ दुकानदारों से भी अपील करते हुए के कहा कि केंद्र की सरकार के नीतियों के कारण ही खुदरा व्यापार में पूंजीपतियों का प्रवेश देश के लिए शुभ संकेत नहीं है। इससे छोटे-छोटे व्यापारियों का रोजगार छीन जाएगा। मौके पर उन्होंने सभी से आम हड़ताल को सफल बनाने की अपील की। उन्होंने बताया कि हड़ताल की पूरी तैयारी कर ली गई है। राज्य के मजदूर और किसान भी हड़ताल में शामिल होंगे। अगर केंद्र सरकार नहीं चेती तो 2029 के लिए यह हड़ताल केंद्र के लिए सिरदर्द साबित होगी।
मौके पर मौजूद अन्य नेताओं ने कहा कि हडताल के दौरान कोयला क्षेत्र में उत्पादन और ढुलाई दोनों बंद रहेगा, बैंक, एलआईसी से लेकर तमाम सार्वजनिक क्षेत्र के कल कारखाने सेल, भेल, रेल से लेकर हवाई जहाज तक बनाने और उड़ने वाले मजदूर हड़ताल पर रहेंगे। देश के किसान संगठनों ने भी आम हड़ताल में शामिल होने की घोषणा की है। झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा झामुमो, कांग्रेस, राजद सहित सभी वामदलों ने इस मजदूर और किसानों के हड़ताल को समर्थन दिया है। इसे लेकर झारखंड में दो घंटे का चक्का जाम होगा।
मौके पर एटक के राज्य सचिव अशोक यादव, जिला सचिव अजय कुमार सिंह, कर्मचारी संघ के सुनील साहू, बैंक एम्पलाइज एसोसिएशन के सतीश भार्गव, एआईबीए के सरफराज अहमद उपस्थित थे।
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(Udaipur Kiran) / Manoj Kumar
