गुवाहाटी, 10 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । गौहाटी विश्वविद्यालय ने आज एक बयान जारी कर विश्वविद्यालय प्रशासन और कुलपति के खिलाफ प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रसारित झूठे और दुर्भावनापूर्ण आरोपों का खंडन किया है।
विश्वविद्यालय ने इन दावों को पूरी तरह से निराधार, भ्रामक और अपमानजनक बताया है और कहा है कि ये संस्थान की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने की एक जानबूझकर की गई कोशिश का हिस्सा हैं। ज्ञात हो कि बीते कल एक छात्र संगठन ने कुलपति को ज्ञापन सौंपकर उन्हें अपने पद से हटने का आह्वान किया था।
गौहाटी विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉ. उत्पल शर्मा ने कहा, विश्वविद्यालय पूरी पारदर्शिता और ईमानदारी से काम करता है। हर वित्तीय और प्रशासनिक निर्णय पूरी तरह से जांच-पड़ताल के बाद लिया जाता है और संस्थागत और वैधानिक अनुमोदन के कई स्तरों से गुजरता है। उन्होंने कहा, कुलपति और विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा को धूमिल करने के हालिया प्रयास दुर्भाग्यपूर्ण, निराधार और राजनीति से प्रेरित प्रतीत होते हैं।
विश्वविद्यालय ने इस बात पर ज़ोर दिया कि वह गौहाटी विश्वविद्यालय अधिनियम, 1947 के तहत काम करता है और सभी वित्तीय और प्रशासनिक गतिविधियां सरकार द्वारा अनुमोदित मानदंडों और प्रक्रियाओं के दायरे में संचालित होती हैं। अधिकारियों ने बताया कि विश्वविद्यालय के खातों का नियमित रूप से भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) द्वारा ऑडिट किया जाता है, जिससे पूर्ण पारदर्शिता सुनिश्चित होती है।
बयान के अनुसार, सभी व्यय स्वीकृत वार्षिक बजट के भीतर ही किए जाते हैं, जिसकी समीक्षा वित्त समिति, कार्यकारी परिषद और विश्वविद्यालय न्यायालय द्वारा की जाती है। खरीद प्रक्रियाएं राज्य खरीद दिशानिर्देशों के अनुरूप, सरकारी ई-मार्केटप्लेस (जीईएम), असम निविदा पोर्टल और विश्वविद्यालय दर अनुबंध जैसी सरकार द्वारा अनुमोदित प्रणालियों का पालन करती हैं।
विश्वविद्यालय ने कहा कि निर्माण और परियोजना संबंधी निर्णय उसकी निर्माण समिति की सिफारिश के बाद ही लिए जाते हैं। उच्च मूल्य वाली परियोजनाओं के लिए, पारदर्शिता और जवाबदेही बनाए रखने के लिए निविदाएं असम ई-प्रोक्योरमेंट पोर्टल के माध्यम से सार्वजनिक रूप से जारी की जाती हैं और प्रमुख समाचार पत्रों में विज्ञापित की जाती हैं।
डॉ. सरमा ने आगे कहा, बेशर्म और प्रेरित आरोपों की कार्रवाई कुछ व्यक्तियों की हताशा को दर्शाती है जो भ्रम और विवाद पैदा करना चाहते हैं। बेतुकी कल्पनाओं पर आधारित और तर्कहीन ऐसे बयान, उन्हें फैलाने वालों की अस्थिर मानसिकता को ही उजागर करते हैं।
विश्वविद्यालय ने पुष्टि की है कि उसने मानहानिकारक सामग्री फैलाने के लिए ज़िम्मेदार व्यक्तियों के ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्यवाही शुरू कर दी है। साथ ही, उसने जनता और मीडिया से भी आग्रह किया है कि वे अटकलों से बचें और केवल आधिकारिक स्रोतों से प्राप्त सत्यापित जानकारी पर ही भरोसा करें।
शैक्षणिक उत्कृष्टता, अनुसंधान नेतृत्व और नैतिक शासन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए, गौहाटी विश्वविद्यालय ने कहा कि वह अपनी छवि धूमिल करने के प्रयासों से विचलित नहीं होगा और ईमानदारी और पारदर्शिता के साथ अपने विकासात्मक लक्ष्यों को प्राप्त करता रहेगा।
(Udaipur Kiran) / श्रीप्रकाश
