
अजमेर, 8 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । चर्चित आनासागर चौपाटी स्ट्रीट वेंडर मामले में जिला कलेक्टर और नगर निगम अजमेर द्वारा 100 दिन तक अदालत में जवाब प्रस्तुत नहीं किए जाने पर सिविल न्यायाधीश (कनिष्ठ खंड, नगर उत्तर) कोमल भाटी ने दोनों पक्षों का जवाब दावा बंद करने के आदेश जारी किए हैं। इससे पहले अदालत ने स्ट्रीट वेंडर्स के पक्ष में स्थगन आदेश पारित कर उन्हें अस्थायी राहत प्रदान की थी, जिसके तहत वे अपने रोजगार स्थल पर कामकाज कर रहे हैं।
नगर निगम द्वारा पहले प्रस्तुत किए गए आठ प्रार्थना पत्र भी अदालत ने खारिज कर दिए थे। स्ट्रीट वेंडर्स की ओर से अधिवक्ता और पूर्व लोक अभियोजक विवेक पाराशर ने बताया कि राधा किशन सहित कुल 32 वेंडर्स की याचिका पर जिला कलक्टर और नगर निगम को 25 जून 2025 को नोटिस तामील किए जा चुके थे। बावजूद इसके करीब 100 दिन बीत जाने के बाद भी कोई जवाब अदालत में प्रस्तुत नहीं किया गया।
पाराशर ने अदालत को बताया कि सीपीसी (कोड ऑफ सिविल प्रोसीजर) के तहत जवाब प्रस्तुत करने की अधिकतम अवधि 90 दिन निर्धारित है, लेकिन न तो समय पर जवाब दायर किया गया और न ही विलंब का कोई युक्तियुक्त कारण बताया गया। इस पर अदालत ने विलंबित जवाब को रिकॉर्ड पर लेने से इनकार कर दिया।
अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 31 अक्टूबर 2025 को निर्धारित की है। पाराशर और वरिष्ठ अधिवक्ता संजय रोहिल्ला स्ट्रीट वेंडर्स की ओर से इस मामले में पैरवी कर रहे हैं। उन्होंने अदालत से शीघ्र सुनवाई की प्रार्थना की, क्योंकि जवाब न देने को गंभीर लापरवाही माना गया है।
(Udaipur Kiran) / संतोष
