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कोर्ट ने चैतन्यानंद सरस्वती की जमानत याचिका पर दिल्ली पुलिस से नया जवाब मांगा

नई दिल्ली, 13 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने एक निजी कॉलेज की छात्राओं के साथ अश्लील हरकत करने के आरोपित चैतन्यानंद सरस्वती की जमानत याचिका पर सुनवाई करते दिल्ली पुलिस से ताजा जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। एडिशनल सेशंस जज दीप्ति देवेश ने जमानत याचिका पर अगली सुनवाई 27 अक्टूबर को करने का निर्देश दिया।

आज सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने कहा कि इस मामले में 16 पीड़ितों के बयान मजिस्ट्रेट के समक्ष दर्ज किए जा चुके हैं। पांच पीड़ितों के मोबाइल जब्त किए गए हैं जबकि 11 पीड़ितों के मोबाइल जब्त किए जाने हैं। दिल्ली पुलिस ने कहा कि इस मामले में जांच चल रही है और फोरेंसिक रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। पुलिस गवाहों से साक्ष्य एकत्र कर रही है।

सुनवाई के दौरान चैतन्यानन्द सरस्वती की ओर से पेश व कील अजय बर्मन ने कहा कि आरोपी के खिलाफ कुछ भी नहीं है। इसका दिल्ली पुलिस ने विरोध करते हुए कहा कि आरोपित की अश्लील तस्वीरें और कमेंट हैं। इसके स्क्रीन शॉट है। इस मामले में तीन महिलाओं समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

बता दें कि आज ही जुडिशियल मजिस्ट्रेट फर्स्ट क्लास अनिमेष कुमार के समक्ष चैतन्यानंद सरस्वती को जेल में सन्यासी का वस्त्र धारण करने और धार्मिक पुस्तकें उपलब्ध कराने की मांग पर सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने कहा कि वो सन्यासी नहीं है। दिल्ली पुलिस ने कहा कि अगर जेल के अंदर चैतन्यानन्द सरस्वती को सन्यासी का वस्त्र धारण करने की अनुमति दी जाती है तो जेल के अंदर कानून-व्यवस्था की स्थिति पैदा हो सकती है। दिल्ली पुलिस की इस दलील का चैतन्यानन्द सरस्वती ओर से पेश वकील ने विरोध करते हुए कहा कि किसी कैदी के अपनी मर्जी का वस्त्र पहनने से भला कानून-व्यवस्था की स्थिति कैसे पैदा हो सकती है। उन्होंने कहा कि चैतन्यानन्द सरस्वती सन्यासी हैं और उन्हें दीक्षा दी गई है। उनका पहले नाम पार्थसारथी था जो दीक्षा के बाद चैतन्यानन्द सरस्वती हुए। अब इस मामले पर अगली सुनवाई कल यानि 14 अक्टूबर को होगी।

कोर्ट ने 3 अक्टूबर को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा था। चैतन्यानंद सरस्वती को आगरा के गिरफ्तार किया गया था। चैतन्यानंद सरस्वती पर आरोप है कि वो आर्थिक रुप से कमजोर वर्ग की छात्राओं के साथ अश्लील हरकत की थी। कॉलेज के सीसीटीवी कैमरों का एक्सेस चैतन्यानंद सरस्वती के पास था ताकि वो छात्राओं पर नजर रख सके। उसने सुरक्षा के नाम पर सीसीटीवी कैमरे जानबूझकर वाशरुम के पास इंस्टाल करवाया था।

सरस्वती पर छात्राओं से अश्लील हरकत करने के अलावा वित्तीय फर्जीवाड़ा करने का भी आरोप है। आरोप है कि सरस्वती ने संबंधित संस्थान की संपत्तियों को निजी कंपनियों पर किराये पर दे रखा था। वो संस्थान की संपत्तियों से महंगी गाड़ियां खरीदता था। उसके कब्जे से पुलिस ने एक बीएमडब्ल्यू कार जब्त की थी। वो महंगी गाड़ियों में लड़कियों को लेकर जाता था और उनके साथ अश्लील हरकत करता था।

वित्तीय फर्जीवाड़े के मामले में चैतन्यानंद सरस्वती पर आरोप है कि पावर ऑफ अटॉर्नी हासिल करने के बाद उन्होंने श्री शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट रिसर्च फाउंडेशन नामक फर्जी ट्रस्ट बनाया। इस ट्रस्ट में आरोपित ने श्री शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट रिसर्च की संपत्ति को ट्रस्ट को हस्तांतरित कर दिया। चैतन्यानंद स्वामी पर आरोप है कि उसने वसंत कुंज थाने में एफआईआर दर्ज होने के बाद यस बैंक के खाते से ट्रस्ट के नाम पर करीब 50-55 लाख रुपये की निकासी की। चैतन्यानंद स्वामी पर आरोप है कि उसने फर्जी दस्तावेजों के जरिये विभिन्न नामों पर दो पासपोर्ट बनवाए और अलग-अलग नामों से कुछ बैंकों में खाते हैं।

(Udaipur Kiran) /संजय

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(Udaipur Kiran) / प्रभात मिश्रा

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