मुंबई, 17 सितंबर (Udaipur Kiran) । मुंबई की एक विशेष अदालत ने बुधवार को महाराष्ट्र के मंत्री छगन भुजबल और अन्य के खिलाफ 2021 के बेनामी संपत्ति मामले की फिर से जांच करने का आदेश दिया है। इससे छगन भुजबल की मुश्किलें बढऩे के आसार हैं।
अदालत सूत्रों ने बुधवार को बताया कि आयकर विभाग ने 2021 में छगन भुजबल, उनके परिवार के सदस्यों और उनकी कंपनियों आर्मस्ट्रांग इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड, परवेश कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड और देविशा कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ बेनामी संपत्ति की कार्यवाही शुरू की थी। विशेष अदालत ने नवंबर 2021 की शुरुआत में आरोपियों को तलब किया था। इसके बाद छगन भुजबल और आरोपितों ने इस कार्रवाई को मुंबई उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। दिसंबर 2024 में, उच्च न्यायालय ने छगन भुजबल और उनके परिवार के विरुद्ध दायर शिकायत को खारिज कर दिया था। इस मामले की फिर से जांच करने के लिए सामाजिक कार्यकर्ता अंजली दमानिया ने मुंबई की विशेष न्यायालय में विशेष न्यायाधीश सत्यनारायण नवंदर के समक्ष याचिका दाखिल की थी। बुधवार को इस मामले की सुनवाई करते समय कोर्ट ने कहा कि इस मामले में हाईकोर्ट ने मामले के तथ्यों या मामले के गुण-दोष पर विचार नहीं किया। आदेश के मात्र अवलोकन के बाद, ऐसा प्रतीत होता है कि कार्यवाही को रद्द करने की राहत केवल तकनीकी आधार पर दी गई थी। इसलिए इस बेनामी संपत्ति मामले की फिर से जांच की जानी चाहिए। सामाजिक कार्यकर्ता अंजली दमानिया ने बुधवार को पत्रकारों को बताया कि इन मामलों की पुलिस अदालत के आदेश के बाद फिर से जांच करेगी ।
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(Udaipur Kiran) यादव
