
नई दिल्ली, 30 जून (Udaipur Kiran) । राऊज एवेन्यू कोर्ट ने 15 अक्टूबर, 2016 से जेएनयू के लापता छात्र नजीब अहमद के मामले में सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया है। एडिशनल चीफ जुडिशियल मजिस्ट्रेट ज्योति माहेश्वरी ने कहा कि अगर इस मामले में कोई साक्ष्य मिलता है तो इसकी दोबारा जांच की जाएगी।
नजीब अहमद की मां फातिमा नफीस ने सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट के खिलाफ याचिका दायर की थी। इस याचिका में कहा गया था कि इस मामले में सीबीआई ने सही से जांच नहीं की और क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर दी। याचिका में सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट के उस निष्कर्ष को चुनौती दी गई थी, जिसमें कहा गया है कि नजीब अहमद स्वयं लापता हो गया।
हाई कोर्ट ने 8 अक्टूबर, 2018 को सीबीआई को जांच बंद करने की अनुमति दी थी। उसके बाद नजीब अहमद की मां ने क्लोजर रिपोर्ट से संबंधित दस्तावेज की मांग करने के लिए हाई कोर्ट में याचिका दायर की। तब हाई कोर्ट ने कहा था कि नजीब की मां को अगर कोई शिकायत है तो वो ट्रायल कोर्ट में कर सकती है। अगर उन्हें जांच की स्टेटस रिपोर्ट चाहिए तो वो इसके लिए कोर्ट में याचिका दायर कर सकती हैं। पहले की सुनवाई के दौरान राऊज एवेन्यू कोर्ट ने सीबीआई को निर्देश दिया था कि वह जांच से संबंधित क्लोजर रिपोर्ट के दस्तावेज नजीब अहमद की मां को उपलब्ध कराए।
दिल्ली हाई कोर्ट ने 16 मई, 2017 को जेएनयू के लापता छात्र नजीब अहमद के लापता होने के मामले की सीबीआई जांच के आदेश दिया था। इसके बाद 29 जून, 2017 को सीबीआई ने नजीब का सुराग देनेवाले को 10 लाख का इनाम देने की घोषणा की थी, लेकिन उसका कोई सुराग नहीं मिला।
(Udaipur Kiran) /संजय
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(Udaipur Kiran) / अमरेश द्विवेदी
