
बीकानेर, 13 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । वेटरनरी विश्वविद्यालय, बीकानेर के कुलगुरु डॉ. सुमन्त व्यास ने साेमवार काे बीकानेर में कहा कि अमेरिका, चीन, जापान और जर्मनी जैसे देशों ने अपनी वैज्ञानिक प्रगति में मातृभाषा को प्राथमिकता देकर उल्लेखनीय उपलब्धियाँ अर्जित की हैं।
राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केन्द्र (एनआरसीसी), बीकानेर में 14 सितम्बर से प्रारम्भ हुए हिन्दी चेतना मास का समापन एवं पुरस्कार वितरण समारोह में बताैर मुख्य अतिथि उन्हाेंने यह बात कही। उन्हाेंने कहा कि हिन्दी केवल संवाद का माध्यम नहीं, बल्कि यह हमारी संस्कृति, आत्मीयता और सृजनशीलता की भाषा है, मातृभाषा में शिक्षा और संवाद से समझने की क्षमता तथा चिंतन की गहराई विकसित होती है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डॉ. अनिल कुमार पूनिया, निदेशक, एनआरसीसी ने कहा कि हिन्दी हमारी सांस्कृतिक पहचान और कार्य-संवेदनशीलता की भाषा है। उन्होंने बताया कि संस्थान में राजभाषा के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए अधिकारी एवं कर्मचारी सतत प्रयासरत रहते हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन न केवल हिन्दी के प्रति जागरूकता बढ़ाते हैं, बल्कि राजभाषा नीति के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए सकारात्मक वातावरण का निर्माण करते हैं।
इस अवसर पर केन्द्र के नोडल अधिकारी (राजभाषा) डॉ. राकेश रंजन ने हिन्दी चेतना मास के अंतर्गत आयोजित विविध प्रतियोगिताओं की जानकारी दी तथा भाषा के महत्त्व पर अपने विचार व्यक्त किए। समारोह के दौरान आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं यथा- हिन्दी निबंध प्रतियोगिता में डॉ. अरूणा कुनियाल ने प्रथम, रणवीर सिंह ने द्वितीय तथा डॉ. श्याम सुंदर चौधरी ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। हिन्दी टंकण प्रतियोगिता में अखिल ठुकराल प्रथम, डॉ. श्याम सुंदर चौधरी द्वितीय तथा दिनेश मुंजाल तृतीय रहे। श्रुति लेखन प्रतियोगिता में नेताराम प्रथम, विक्रम मीणा द्वितीय तथा किशन कुमार तृतीय रहे। हिन्दी शोध-पत्र पोस्टर प्रदर्शन प्रतियोगिता में डॉ. सागर अशोक खुलापे व डॉ. स्वागतिका प्रियदर्शिनी ने संयुक्त रूप से प्रथम स्थान प्राप्त किया, जबकि डॉ. रतन चौधरी व डॉ. अरूणा कुनियाल संयुक्त रूप से द्वितीय और डॉ. विनोद कुमार यादव तृतीय स्थान पर रहे। हिन्दी क्विज प्रतियोगिता में डॉ. बसंती ज्योत्सना, दिनेश मुंजाल, मनीष सोनी, रणवीर सिंह एवं मीतपाल की टीम ने प्रथम स्थान प्राप्त किया।
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(Udaipur Kiran) / राजीव
