
जबलपुर, 27 जून (Udaipur Kiran) । मप्र के सागर जिले में एक किसान द्वारा अपनी जमीन के नामांतरण पर पटवारी द्वारा मांगी जाने वाली रिश्वत की शिकायत प्रशासन द्वारा न सुने जाने पर हाईकोर्ट में गुहार लगाई। हाईकोर्ट ने संज्ञान लेते हुए लोकायुक्त को एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं।
दरअसल मामला मध्यप्रदेश के सागर जिले की शाहपुर नगर पंचायत का है जहां एक पटवारी रामसागर तिवारी पर एक किसान अनिरुद्ध से जमीन के नामांतरण के बदले 20 हजार रुपये की रिश्वत मांगने का आरोप है। किसान अनिरुद्ध श्रीवास्तव के अनुसार उसने 29 मार्च 2025 को अपने चाचा राजेश श्रीवास्तव से एक भूखंड खरीदा। जिसकी रजिस्ट्री समेत सभी वैध दस्तावेज किसान के पास थे। इसके बाद किसान ने 8 मई 2025 को हल्का नंबर 107 के पटवारी रामसागर तिवारी को नामांतरण प्रक्रिया शुरु करने के लिए आवेदन दिया। दस्तावेज पूरे होने के बाद भी पटवारी ने नामांतरण के लिए 20 हजार रुपए की मांग की। किसान ने रिश्वत की मांग की शिकायत सागर कलेक्टर और कमिश्नर को लिखित शिकायत के रूप में दी। लेकिन इतनी गंभीर शिकायत के बावजूद कलेक्टर, कमिश्नर ने कोई जांच नहीं की।
किसान अनिरुद्ध ने हारकर न्यायालय जाने का फैसला किया। उसने जबलपुर हाईकोर्ट में रिट याचिका दायर की याचिका की सुनवाई जस्टिस विशाल मिश्रा की एकलपीठ में हुई। किसान की याचिका में यह भी कहा गया कि पटवारी ने कहा, कि तब तक नामांतरण नहीं होगा, जब तक 20 हजार रुपये नहीं दोगे, इसके लिए चाहे प्रधानमंत्री के पास ही क्यों न चले जाओ।
कोर्ट ने मामले की गंभीरता को समझते हुए लोकायुक्त को निर्देश दिया कि एफआईआर दर्ज की जाए। इसके साथ ही पटवारी रामसागर तिवारी के खिलाफ जांच कर विधिसम्मत कार्रवाई की जाए। किसान की तरफ से उनके वकील हितेंद्र कुमार गोह्वानी ने पैरवी की।धन्यवाद है उस न्याय प्रणाली को जिसमें हाईकोर्ट के इस आदेश ने एक लाचार किसान को न्याय दिला दिया, परंतु न जाने ऐसे कितने पीड़ित होंगे जो सिस्टम की इस भ्रष्टाचार रूपी बजबजाती गंदगी का शिकार है। यदि देखा जाए तो इस मामले में सागर कलेक्टर और कमिश्नर ने समय रहते उचित कार्रवाई की होती तो किसान को स्थानीय स्तर पर न्याय मिलना संभव हो सकता था।
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(Udaipur Kiran) / विलोक पाठक
