
जयपुर, 15 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । हेरिटेज निगम की निलंबित मेयर मुनेश गुर्जर के खिलाफ न्यायिक जांच में भ्रष्टाचार के आरोपों को सही माना गया है। विधि विभाग में कार्यरत जिला न्यायाधीश कैडर के अधिकारी सुरेन्द्र पुरोहित ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद मुनेश पर लगाए गए आरोपों को प्रमाणित माना। जांच रिपोर्ट स्थानीय निकाय विभाग को सौंप दी गई है। अब विभाग मुनेश गुर्जर की बर्खास्तगी और चुनाव लडऩे पर 6 साल की पाबंदी लगाने की प्रक्रिया शुरू कर सकता है। लेकिन इससे पहले मुनेश गुर्जर को नोटिस जारी करके उनका पक्ष जाना जाएगा।
सरकार की ओर से वकील विष्णु दयाल शर्मा ने बताया कि मुनेश गुर्जर पर अगस्त 2023 में उसके घर से भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को 41.85 लाख रुपये मिलने, पट्टे जारी करने में भेदभाव और पट्टे जारी करने के लिए पैसे लेने के आरोप थे। जिनको लेकर 12 गवाह पेश किए गए। वहीं मुनेश गुर्जर की ओर से आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया गया। न्यायिक अधिकारी ने दोनों पक्ष सुनने के बाद मुनेश गुर्जर पर लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों को सही माना। मेयर मुनेश गुर्जर का कार्यकाल विवादों वाला रहा है। कांग्रेस के ही स्थानीय नेताओं व पूर्व मंत्री के साथ उनके विवादों की खबरें आती रहीं हैं।
मुनेश के पति की भी हुई थी गिरफ्तारी
एसीबी ने 4 अगस्त 2023 को मुनेश के घर पर छापेमारी की थी। इसमें एसीबी ने मुनेश के पति सुशील गुर्जर को गिरफ्तार किया था। उनके पास से करीब 41.85 लाख और दलाल नारायण सिंह के घर से 8 लाख 95 हजार रुपए मिले थे। इस मामले में एसीबी ने दलाल अनिल दूबे को भी गिरफ्तार किया था।
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(Udaipur Kiran) / राजेश
