
हल्द्वानी, 20 जून (Udaipur Kiran) । रामनगर सहित कई क्षेत्रों में फैले कॉर्बेट पार्क में प्रशासन ने वन्यजीवों की सुरक्षा में लगे वनकर्मियों को आपरेशन मानसून के तहत हाई अलर्ट पर रहने को कहा गया है। इसके तहत शिकारियों की पार्क में घुसपैठ रोकने के लिए कॉर्बेट पार्क की दक्षिणी सीमा पर 250 से अधिक वनकर्मियों को तैनात कर दिया गया है। इसके अलावा ड्रोन और थर्मल कैमरों से भी पार्क पर नजर रखी जा रही है, ताकि शिकारी जंगली जानवरों का शिकार न कर सकें।
क्या है ऑपरेशन मानसून
ज्ञात हो कि मानसून सीजन में कॉर्बेट नेशनल पार्क में पर्यटकों की आवाजाही नहीं होती है। ऐसे में शिकारी इसका फायदा उठाते हैं। वहीं अब इसे रोकने के लिए कॉर्बेट प्रशासन चौकस हो गया है। पार्क प्रशासन के अनुसार करीब 250 के अधिक फील्ड कर्मियों को जंगल में पेट्रोलिंग के लिए लगाया गया है। पेट्रोलिंग को विभाग ने ऑपरेशन मानसून नाम दिया है।
कॉर्बेट नेशनल पार्क का क्षेत्रफल करीब 1288 वर्ग किलोमीटर है। पार्क का जंगल भी काफी घना है। बरसात में जंगल के रास्ते खराब होने और गश्त में सुस्ती आने का शिकारी फायदा उठाते हैं। ऐसे में मानसून में सक्रिय होने वाले शिकारियों की नजर बाघ, तेंदुआ और हाथी सहित कई वन्यजीयों पर रहती है।
अति संवेदनशील है ये क्षेत्र
कॉबेंट टाइगर रिजर्व में उत्तर प्रदेश के अमानगढ़, अफजलगढ़, शेरकोट, धामपुर, नगीना, नजीमाबाकद और मंडावली से शिकारियों की घुसपैठ का खतरा रहता है। दक्षिणी सीमा पर प्रत्येक दो किलोमीटर में करीब 40 वन चौकी हैं जहां चौकसी बढ़ा दी गई है। कॉबेंट टाइगर रिजर्व की वन चौकियों में भरपूर राशन के अलावा मेडिकल किट भेज दी गई है। बारिश होने पर जंगल में सड़क टूट जाती हैं। इस कारण वन चौकी में तैनात कर्मचारी ज॑गल से बाहर नहीं आ पाते। ऐसे इलाकों में शिकारियों पर नजर रखने के लिए ड्रोन और थर्मल कैमरे को मदद ली जाती है।
कॉबेंट टाइगर रिजर्व के निदेशक डॉ. साकेत बड़ोला के अनुसार मानसून सीजन को देखते हुए कॉर्येट पार्क में अलर्ट जारी कर दिया गया है। शिकारी पार्क में घूसपैठ नहीं कर सकें, इसके लिए वन कर्मियों को गश्त निर्देश दिए गए हैं। थर्मल और ड्रोन कैमरों से भी नजर रखी जा रही है।
(Udaipur Kiran) / DEEPESH TIWARI
