
देवरिया, 24 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । उत्तर भारत में पहली बार उत्तर प्रदेश के देवरिया लोकसभा क्षेत्र के तमकुहीराज में आयोजित हो रहा इन-स्पेस मॉडल रॉकेट्री/कैनसैट इंडिया स्टूडेंट कंप्टीशन-2025 प्रधानमंत्री के विकसित भारत-2047 के मिशन में योगदान देने जा रहा है। केंद्र सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले वर्षों में भारत की अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था पांच गुना बढ़कर 44 बिलियन डॉलर तक पहुंचे। सांसद शशांक मणि की ‘अमृत प्रयास’ पहल राष्ट्रीय विज़न में भागीदार बनेगी।
सांसद शशांक मणि त्रिपाठी ने गुरुवार को पत्रकार वार्ता में बताया कि 27 से 30 अक्टूबर तक यह चार दिवसीय आयोजन में देश भर के 600 युवा वैज्ञानिक एवं 120 वरिष्ठ वैज्ञानिकों को एक मंच पर ला रहा है। इस प्रतियोगिता का आयोजन इसरो, इन-स्पेस और एएसआई जैसे प्रतिष्ठित वैज्ञानिक संस्थानों के सहयोग से हो रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार भी सक्रिय भूमिका निभा रही है। इस प्रतियोगिता का प्रमुख उद्देश्य देवरिया लोकसभा के साथ पूर्वांचल के जिलों में अंतरिक्ष विज्ञान में युवाओं की जागरूकता बढ़ाना तथा स्थानीय कॉलेजों में साइंस, टेक, इंजीनियरिंग, मैथ्स (STEM) शिक्षा को बढ़ावा देना है। यह आयोजन युवाओं को स्पेस टेक, इलेक्ट्रॉनिक्स, डाटा एनालिटिक्स, इंजीनियरिंग और डिज़ाइन जैसे हाई-टेक क्षेत्रों में सीधे स्किल डेवलपमेंट का अवसर देगा। इन नवाचारों से युवाओं को रोजगार एवं उद्यमिता के नए अवसर मिलेंगे।
कृषि में तकनीक को मिलेगा बढ़ावा
उन्होंने बताया कि कृषि और पर्यावरण में अंतरिक्ष तकनीक के उपयोग के प्रति किसान जागरूक होंगे। भविष्य में उपग्रह तकनीक की मदद से किसानों को मौसम, जल प्रबंधन और फसल निगरानी में बेहतर तकनीक मिल सकेगी। इस आयोजन से अंतरिक्ष के क्षेत्र में गांवों की सहभागिता और नवाचार की भावना को बढ़ावा मिलेगा, जिससे स्थानीय से वैश्विक सोच को प्रोत्साहन मिलेगा।
देवरिया लोकसभा क्षेत्र में होने जा रहे राष्ट्रीय इन-स्पेस मॉडल रॉकेट्री/कैनसैट इंडिया स्टूडेंट कंप्टीशन-2025 के लिए नारायणी मॉडल रॉकेट्री प्रक्षेपण धाम में निर्माण कार्य तेजी से जारी है। यह प्रतियोगिता 27 से 30 अक्टूबर तक चलेगी। लांच पैड के निर्माण का कार्य अंतिम चरण में है। गुरुवार से देशभर से 600 युवा वैज्ञानिकों और 120 वरिष्ठ वैज्ञानिकों का आगमन शुरू हो जाएगा।
सांसद ने बताया कि लांच साइड से 1000 मीटर की दूरी पर बन रहे कंट्रोल रूम के पास पांच बड़े जर्मन हैंगर टेंट लगाए जा रहे हैं, ताकि आंधी, बारिश जैसी समस्याओं के चलते कार्यक्रम प्रभावित न हो। यहां 500 वर्ग फुट में आब्जर्वेशन प्वाइंट तैयार हो रहा है, जहां से इसरो की जूरी टीम प्रतियोगिता की गतिविधियों पर पैनी नज़र रखेगी। इसरो की टीम मंगलवार को स्थल का दौरा कर चुकी है। 25 अक्टूबर को पूरी तैयारी के साथ यहां पहुंचेगी।
13 हजार वर्ग फुट में तैयार हो रही विजिटर गैलरी
मुख्य स्थल पर 13 हजार वर्ग फुट में एक विशाल विजिटर गैलरी बनाई जा रही है, जिसमें स्टेज और वीआईपी ठहराव की व्यवस्था है। छात्रों के रॉकेट एसेम्बल करने के लिए अलग से वर्किंग एरिया बनाया जा रहा है और बगल में हैविटेट एरिया तैयार हो रहा है। 25 अक्टूबर से एक हजार लोगों के रहने-खाने की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। साथ ही प्रतियोगिता में भाग लेने वाले युवा वैज्ञानिकों के ठहरने की व्यवस्था अलग-अलग स्कूलों में की गई है। छात्राएं द प्रेसिडेंट स्कूल दनियारी में तो छात्र जगदीश पब्लिक स्कूल, गौरी श्रीराम में ठहरेंगे। आवागमन को सुगम बनाने के लिए जिला प्रशासन ने सभी पहुंच मार्गों की मरम्मत का काम लगभग पूरा कर लिया है। बुधवार को जंगलपट्टी से तरेया सुजान की ओर जाने वाली सड़क की मरम्मत का काम जोर–शोर से चला है।
छात्रों के लिए विशेष अनुभव क्षेत्र
प्रतियोगिता केवल रॉकेट लांचिंग तक सीमित नहीं है। यहां एक आर्ट एंड स्पेस गैलरी तैयार हो रही है जो साइंस म्यूजियम का काम करेगी। छात्र यहां देश में विज्ञान के विस्तार के इतिहास को समझ पाएंगे। हैविटेट एरिया में यूपी के आठ जिलों से आए ‘आर्ट एंड स्पेस कंप्टीशन’ के विजेता छात्र अंतरिक्ष जैसे दृश्यों का अनुभव करेंगे। यह आयोजन क्षेत्रीय युवाओं को अंतरिक्ष विज्ञान में नवाचार का मंच प्रदान करेगा।
(Udaipur Kiran) / ज्योति पाठक
