
रांची, 23 जुलाई (Udaipur Kiran) । इंटक के राष्ट्रीय संगठन सचिव सह हटिया प्रोजेक्ट वर्कर्स यूनियन (इंटक) के महामंत्री लीलाधर सिंह ने कहा कि किसी भी कंपनी में 20 वर्षों से लगातार स्थायी प्रकृति का कार्य कर रहे ठेका कर्मियों को अब स्थायी किया जाना चाहिए। इससे कंपनी को अनुभवी कार्यबल और कर्मियों को स्थायी कर्मचारी की सुविधाएं मिलेंगी। लीलाधर सिंह बुधवार को इंटक की 315वीं राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक को संबोधित करते हुए बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्तर की हड़तालों में भी बीमार उद्योगों को अलग रखा जाना चाहिए, ताकि उनकी उत्पादन इकाइयां बंद न हों। उन्होंने एचईसी का उदाहरण देते हुए बताया कि विरोध प्रदर्शन के बावजूद वहां उत्पादन कार्य जारी है। लीलाधर ने कहा कि 10 वर्षों से कार्यरत कर्मियों को भी दो वर्ष की प्रोबेशन अवधि के साथ, साक्षात्कार के आधार पर स्थायी किया जा सकता है। यह नीति सार्वजनिक उपक्रमों में अनिवार्य रूप से लागू होनी चाहिए, भले ही निजी क्षेत्र की कंपनियां इसमें पीछे रहें।
उन्होंने औद्योगिक शांति पर जोर देते हुए कहा कि कामकाजी स्थानों पर श्रम विवाद सामान्य होते हैं, लेकिन संकटग्रस्त उद्योगों में हड़ताल या बंदी आत्मघाती साबित हो सकती है। संवाद और सहयोग के माध्यम से ही ऐसे मुद्दों का हल निकलना चाहिए।
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(Udaipur Kiran) / Manoj Kumar
