Maharashtra

ठाणे में संविदा कर्मचारी 19 अगस्त से हड़ताल पर

NHM contact workers' strke from 19 August

मुंबई,10 अगस्त ( हि.स.) । राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के अधिकारी और कर्मचारी, जो दो दशकों से स्वास्थ्य सेवाओं के मोर्चे पर संघर्ष कर रहे हैं, अभी भी संविदा की बेड़ियों में जकड़े हुए हैं। 14 मार्च, 2024 के सरकारी निर्णय के अनुसार, 69 संवर्गों में 10 वर्ष से अधिक सेवा वाले कर्मचारियों को तत्काल समायोजित किया जाना चाहिए। कर्मचारियों ने 19 अगस्त से ठाणे जिला कलेक्टर कार्यालय के सामने अनिश्चितकालीन काम बंद करने का बिगुल बजा दिया है।

2022 में, माननीय उच्च न्यायालय, औरंगाबाद पीठ ने 10 वर्ष से अधिक सेवा वाले एनएचएम कर्मचारियों को उनके समकक्ष पदों के अनुसार और यदि समकक्ष नहीं है, तो उनकी शैक्षणिक योग्यता के अनुसार सीधे सरकारी सेवा में समायोजित करने का आदेश दिया था। इस आदेश के बाद, राज्य भर में 37 दिनों की हड़ताल हुई थी। अंततः 14 मार्च, 2024 को सरकार ने स्वीकृत पदों के 30% पर समायोजन का निर्णय लिया; लेकिन डेढ़ साल बाद भी यह अभी भी कागज़ों पर ही है।इनकी मांगे हैं।14 मार्च, 2024 के शासनादेश का तत्काल क्रियान्वयन और शेष 69 संवर्गों का नियमित समायोजन। 15% मानदेय वृद्धि का तत्काल क्रियान्वयन। स्थानांतरण नीति, ईपीएफ और बीमा योजना का क्रियान्वयन।शैक्षणिक योग्यता के अनुसार वेतन युक्तिकरण और पुराने व नए कर्मचारियों के बीच के अंतर को समाप्त करना। सेवाकाल में मृत्यु होने पर ₹50 लाख और विकलांगता होने पर ₹25 लाख की अनुग्रह राशि। लिखित और समयबद्ध आश्वासन के साथ कुल 18 माँगों का अनुमोदन।

“कोरोना काल में उन्होंने अपनी जान जोखिम में डालकर सेवा की, सरकार ने वाहवाही बटोरी; लेकिन उनके अधिकारों की माँगों को कुचला गया। विधानसभा चुनाव से पहले लिया गया फैसला अभी भी हवा में है। अब बहुत हो गया – जब तक अधिकार नहीं मिलेंगे, काम बंद रहेगा!”

इस आंदोलन का नेतृत्व एनएचएम अधिकारी एवं कर्मचारी संघटन समिति और एकता संघ महाराष्ट्र राज्य के 18 संगठन कर रहे हैं। राज्य संयोजक विजय गायकवाड़, मनीष खैरनार, प्रदीप पाटिल, जयवंत विश, अर्चना देशमुख, संगीता मोरे, शरवरी पवार, मनीषा गुंजाल, प्रतिभा निखारे, विनोद जोशी और अन्य पदाधिकारी इसमें अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं।

इसलिए 19 अगस्त को अनिश्चितकालीन संघर्ष से पहले 14 दिनों की सांकेतिक कार्ययोजना लागू की जाएगी – काली पट्टी बाँधकर, विधायकों और सांसदों को ज्ञापन देकर, बंद की सूचना देकर चरणबद्ध संघर्ष के माध्यम से सरकार पर दबाव बनाया जाएगा। राज्य भर में ज़िलेवार ज्ञापन देकर संघर्ष की तैयारी शुरू हो गई है।

इस संबंध में ठाणे जिला परिषद मुख्य कार्यकारी अधिकारी ठाणे रोहन घुगे, जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. गंगाधर पारगे और जिला शल्य चिकित्सक डॉ. कैलाश पवार को एक ज्ञापन दिया गया है। यदि सरकार ने तत्काल निर्णय नहीं लिया, तो ठाणे सहित पूरे महाराष्ट्र में स्वास्थ्य सेवा ठप हो जाएगी और संघर्ष और भी उग्र रूप ले ले सकता है।

—————

(Udaipur Kiran) / रवीन्द्र शर्मा

Most Popular

To Top