
जयपुर, 22 सितम्बर (Udaipur Kiran News) । राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रिंसिपल के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई पर रोक लगाने के आदेश की पालना नहीं करने पर माध्यमिक शिक्षा निदेशक को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। जस्टिस गणेश राम मीणा की एकलपीठ ने यह आदेश महेंद्र तिवाडी की अवमानना याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए।
याचिका में अधिवक्ता विजय पाठक ने बताया कि याचिकाकर्ता जयपुर जिले की कोटखावदा स्कूल से प्रिंसिपल पद पर से सितंबर 2022 में रिटायर हुआ था। इस दौरान शैक्षणिक सत्र 2018-19 में स्कूल का परीक्षा परिणाम तय मापदंड से कम रहने पर 2021 में उसे नोटिस दिया। वहीं बाद में उसे 17 सीसीए का नोटिस दिया और उसके जवाब पर ध्यान दिए बिना ही निदेशक ने जुलाई 2021 में दो वार्षिक वेतन वृद्धि रोकने का आदेश जारी कर उसे दंडित कर दिया। इसकी अपील उसने शिक्षा सचिव के यहां पर की। जिस पर मार्च 2024 में शिक्षा सचिव ने उसकी अपील को आंशिक मंजूर करते हुए एक वार्षिक वेतन वृद्धि रोकने के लिए कहा। इसे हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए कहा कि स्कूल के सीनियर टीचर्स का गणित व अंग्रेजी का परीक्षा परिणाम कम आया था, लेकिन कार्रवाई याचिकाकर्ता पर हुई है, जबकि उसके स्कूल का परीक्षा परिणाम सदैव उत्कृष्ट रहा है। केवल एक साल का कम परिणाम आने पर ही उसे दंडित नहीं कर सकते। उसने सिलेबस पूरा करवा कर छात्रों को पूरी साल पढ़ाए जाने का प्रयास किया। हर छात्र का पढ़ने का स्तर एक जैसा नहीं होता। ऐसे में उसे कम परिणाम के लिए दोषी करार नहीं दे सकते। मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने गत मार्च महीने में याचिकाकर्ता के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई को रद्द कर दिया, लेकिन आदेश की पालना नहीं की गई। जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारी को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।
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(Udaipur Kiran)
