धर्मशाला, 22 जून (Udaipur Kiran) ।उत्तर भारत के प्रसिद्ध शक्तिपीठ मां चामुंडा मंदिर परिसर में चल रहा निर्माण कार्य ठेकेदार की लापरवाही और मनमानी के चलते अधर में लटका हुआ है। इसके साथ ही लोक निर्माण विभाग की ढिलाई के कारण उक्त ठेकेदार की मनमानी और भी बढ़ गई है। उधर ठेकेदार के इस रवैये के बाद उपायुक्त कांगड़ा के निर्देश पर एसडीएम धर्मशाला ने कार्य बंद करने के आदेश दिए थे, लेकिन इसके बावजूद ठेकेदार ने काम तेज कर दिया है, जिससे मंदिर ट्रस्ट और श्रद्धालुओं में भारी नाराजगी है। ट्रस्टियों ने निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर भी गंभीर सवाल उठाए हैं।
जानकारी के अनुसार, मां चामुंडा मंदिर में चल रहा निर्माण कार्य एक ठेकेदार को सौंपा गया था, जिसे निर्धारित समय पर पूरा करना था लेकिन संबंधित कंपनी समय सीमा के भीतर काम पूरा करने में विफल रही। इस बजह से रेत, बजरी और पत्थरों के ढेर के कारण मंदिर परिसर में आने जाने वाले श्रद्धालुओं को कई दिनों से परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। इसी के चलते उपायुक्त कांगड़ा के निर्देश पर एसडीएम धर्मशाला ने लोक निर्माण विभाग को कार्य बंद करने के निर्देश दिए थे। चौंकाने वाली बात यह है कि इन निर्देशों के जारी होने के बाद ठेकेदार ने काम को और तेज कर दिया।
मंदिर ट्रस्ट ने उठाए सवाल, कार्रवाई की मांग
मंदिर ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने इस मनमानी पर कड़ी आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि जब ठेकेदार को समय दिया गया था, तब उसने काम पूरा नहीं किया। अब जब दानदाता अपनी निजी धनराशि से मंदिर के सौंदर्यीकरण का कार्य करवाना चाहते हैं, तो ठेकेदार जानबूझकर लीपापोती कर रहा है। ट्रस्ट ने निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर भी गंभीर सवाल खड़े किए हैं, आरोप लगाया है कि ठेकेदार घटिया सामग्री का इस्तेमाल कर रहा है। ट्रस्ट पदाधिकारियों ने प्रशासन से इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करने और मनमानी करने वाले ठेकेदार और लोक निर्माण विभाग के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है।
एसडीएम धर्मशाला ने दिए जांच के आदेश
इस संबंध में जब एसडीएम धर्मशाला मोहित रतन से बात की गई तो उन्होंने बताया कि लोक निर्माण विभाग को इस कार्य को बंद करने के लिए नोटिस भेजा गया था। उन्होंने कहा कि विभाग इस मामले में निर्णय क्यों नहीं कर पा रहा है, इसे गंभीरता से देखा जाएगा और आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
(Udaipur Kiran) / सतिंदर धलारिया
