
उत्तरकाशी, 15 सितंबर (Udaipur Kiran News) । उत्तरकाशी में भागीरथी घाटी के तमाम सहयक नदियों के तटों पर ईको सेंसटिव जोन की बंदिशों के बावजूद भी नदियों किनारे वाले निमार्ण कार्य धड़ल्ले से हो रहे हैं।
नदी के 200 मीटर क्षेत्र के दायरे में किसी भी प्रकार का निर्माण नहीं हो सकता है। लेकिन नदियों के किनारे होटल, रिजॉर्ट आदि के निर्माण पर किसी प्रकार की रोक नहीं लग पाई। ऐसे में उत्तरकाशी जिले को हर साल आपदाओं की मार झेल पड़ रही है।
गौरतलब है कि उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से गंगोत्री धाम तक 100 किमी लंबा क्षेत्र ईको सेंसटिव जोन के तहत अंतर्गत आता है। इस में करीब 78 गांव शामिल हैं इसके तहत भागीरथी नदी और उसकी सहायक नदियों के जोन के नियम के तहत 200 मीटर के दायरे में किसी प्रकार का निर्माण नहीं हो सकता है। लेकिन इस क्षेत्र में अंधाधुंध निर्माण भी बड़ी आपदाओं का कारण बन रहा है।
धराली, हर्षिल क्षेत्र में आई आपदा के बाद उच्च न्यायालय ने भी जिलाधिकारी और सिंचाई विभाग से ईको सेंसटिव जोन के नियमों के पालन पर जवाब तलब किया था। आपदाओं के बाद भी हर्षिल क्षेत्र से लेकर जनपद मुख्यालय तक कई स्थानों पर ऐसे निर्माण हो रहे हैं, जो कि नदी से 20-50 मीटर की दूरी पर भी नहीं है।
(Udaipur Kiran) / चिरंजीव सेमवाल
