
कानपुर, 29 जून (Udaipur Kiran) । डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने एक देश, एक प्रधान, एक विधान, एक निशान के मुद्दे और भारत की अखंडता को लेकर अपना बलिदान दिया था। देश में 1947 में आजादी मिलने और 1950 में संविधान लागू होने के तत्काल बाद कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार ने देश के संविधान में धारा 370 जोड़कर राष्ट्रीय अखंडता को गंभीर चोट पहुंचाने का कुत्सित प्रयास किया। डॉ मुख़र्जी उस समय उद्योग व खाद्य मंत्री के रूप में देश की सेवा कर रहे थे, लेकिन सरकार की मंशा को ध्यान में रखकर उन्होंने पद छोड़ दिया और देश की प्रतिष्ठा व अखंडता के लिए कश्मीर में धारा 370 हटाने के लिए व्यापक आंदोलन प्रारंभ किया। यह बातें रविवार को केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने कही।
जनसंघ के संस्थापक डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस के अवसर पर भाजपा दक्षिण जिले के सभी 1162 बूथों पर पार्टी पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं ने डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर एक पेड़ अपनी मां के नाम वृक्षारोपण कर सरल ऐप पर सेल्फी अपलोड करी।
केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने भाजपा दक्षिण जिलाध्यक्ष शिवराम सिंह एवं पार्टी पदाधिकारियों के साथ पीएम नरेन्द्र मोदी के मन की बात कार्यक्रम के 123वें संस्करण को छावनी विधानसभा के रक्षा विहार शक्ति केंद्र के बूथ संख्या 246 में सुना। मन की बात कार्यक्रम से रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने जनसंघ के संस्थापक डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस पर उनके चित्र पर पुष्पार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की।
डॉ मुखर्जी का प्रथम लक्ष्य राष्ट्रीय एकता की स्थापना था। उन्होंने भारतीय जनसंघ के हजारों कार्यकर्ताओं के साथ कश्मीर सत्याग्रह के लिए अभियान प्रारंभ किया। इसके लिए उन्हें प्राण भी त्यागने पड़े। कश्मीर में धारा 370 समाप्त कर एक देश में एक प्रधान, एक विधान, एक निशान की भावनाओं को सम्मान करने का कार्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा की एनडीए सरकार ने किया है।
(Udaipur Kiran) / रोहित कश्यप
