गुवाहाटी, 20 अगस्त (Udaipur Kiran) । असम प्रदेश भाजपा ने कांग्रेस सांसदों द्वारा संसद में पेश किए गए आईआईएम (संशोधन) विधेयक, 2025 का विरोध करने पर कड़ा प्रहार किया है। इस विधेयक के जरिए असम में भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) की स्थापना का प्रावधान है।
भाजपा असम प्रदेश प्रवक्ता कमल कुमार मेधी ने पार्टी मुख्यालय में पत्रकार सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस का यह कदम उसकी “असम विरोधी मानसिकता” को दर्शाता है, जो स्वतंत्रता के समय से ही दिखती रही है। उन्होंने कहा कि असम की जनता की लंबे समय से चली आ रही मांग को स्वीकार करने की बजाय कांग्रेस सांसदों ने इसका विरोध किया, जिनमें असम से चुने गए सांसद भी शामिल हैं।
मेधी ने कहा, “यह रवैया शर्मनाक और जनता के साथ सीधा विश्वासघात है। जब सरकार को इस निर्णय के लिए सराहा जाना चाहिए था, तब कांग्रेस ने इसका विरोध कर असम की आकांक्षाओं को ठेस पहुंचाई। कांग्रेस सांसदों को बताना चाहिए कि वे राज्य के सामूहिक हितों के खिलाफ क्यों खड़े हैं।”
उन्होंने यह भी याद दिलाया कि इससे पहले कांग्रेस नेता प्रियंक खड़गे ने जागीरोड में 27 हजार करोड़ रुपये के सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट का विरोध किया था, जिसे उन्होंने पार्टी के “विकास विरोधी और असम विरोधी रुख” का एक और उदाहरण बताया।
मेधी ने कहा कि यह विधेयक लोकसभा में कल पेश किया गया था, जब अध्यक्षता दरंग-उदालगुड़ी से सांसद एवं भाजपा असम प्रदेश अध्यक्ष दिलीप सैकिया कर रहे थे। बार-बार समर्थन की अपील के बावजूद कांग्रेस सांसदों ने इसे खारिज कर दिया, कथित तौर पर अपने हाईकमान को खुश करने के लिये उन्होंने ऐसा किया।
भाजपा ने इस विरोध को “असमिया आकांक्षाओं के साथ विश्वासघात” बताते हुए जनता से कांग्रेस प्रतिनिधियों से जवाब मांगने की अपील की।
(Udaipur Kiran) / श्रीप्रकाश
